स्ट्रैबोर्ग में स्थित यूरोपीय संसद में कश्मीर मुद्दे और मानव अधिकारों के उल्लंघन के बाबत बहस का आयोजन किया गया था। घाटी पर पाकिस्तान ने मानव अधिकारों के उल्लंघन करने के आरोप लगाये हैं। यूरोपीय संसद की जनरल असेंबली में यह साल 2008 के बाद दूसरी दफा बहस हो रही है।
यूरोपीय संसद में कश्मीर पर बहस
मंगलवार को बहस से पूर्व आज़ाद कश्मीर एक अध्यक्ष मसूद खान ने जम्मू कश्मीर की स्थिति के बाबत चेतावनी दी थी। साथ ही यूरोपीय संघ से भारत के इस कदम की आलोचना करने की मांग की थी। भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था।
इस अनुच्छेद को खत्म करने के बाद कश्मीर के हालातो में सुधार एक बाबत खान ने जवाब दिया कि “कुछ भी बदला नहीं है हालाँकि भारत ने कश्मीर में हजारो भारतीय सैनिको और पुलिस की तैनाती कर रखी है जो हथियार रहित नागरिको के खिलाफ कार्रवाई करती है।”
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा की 27 सितम्बर को होने वाली बैठक में कश्मीर मामले को उठाने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान ने प्रस्ताव को पेश करने के लिए 19 सितम्बर की समयसीमा दी थी। विगत दिनों में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री इजाज अहमद ने बयान दिया था कि कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पर्याप्त सहयोग ने नहीं मिला है।
भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताते हुए पलटवार किया कि इस्लामाबाद ने यूएन मंच का गलत इस्तेमाल भारत के खिलाफ बेबुनियादी और धोखेबाज बयानबाजी के लिए कर रहा है।
पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर को जेल में परिवर्तित करने का भारत पर आरोप लगाया था हालाँकि भारत ने इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का बाद पाकिस्तान इस मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है।