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    sharad yadav

    पूर्व जेडीयू नेता शरद यादव ने 2019 में भाजपा की वापसी की उम्मीदों को खारिज करते हुए कहा कि यूपी-बिहार ने 2014 में भाजपा को जिताया था और यूपी-बिहार ही 2019 में भाजपा को हराएंगे।

    शरद यादव ने ये भी दावा किया कि आने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस भाजपा को जबरदस्त तरीके से हराएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव परिणाम 2019 में भाजपा के पराजय की नींव रखेंगे।

    पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में जनता से किये एक भी वादे पुरे नहीं किये है और जनता उनसे अपने एक एक वादे का हिसाब लेगी 2019 में।

    ‘चायवाला’ और राम मंदिर जैसे मुद्दों के सवाल पर पूर्व जेडीयू नेता ने कहा कि अब जनता भावनात्मक बातों में नहीं आएगी। उनके पास कोई उपलब्धि नहीं इन चार सालों की तो फिर से राम मंदिर का मुद्दा उछाल रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि जनता तंग आ चुकी है झूठ से इसलिए उसने मन बना लिया है भाजपा को हराने का। अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा को एक भी राज्य नहीं मिलेगा और ये चुनाव भाजपा की इस ग़लतफ़हमी को दूर कर देगा कि वो 2019 में आ रहे हैं।

    मोदी विरोधी गठबंधन पर सवाल के जवाब में शरद यादव ने कहा कि ये गठबंधन वक़्त की जरूरत है और 2019 से पहले ये सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों का महागठबंधन बन जाएगा।

    यूपी-बिहार के समीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि एनडीए ने इन राज्यों की 120 सीटों में से 104 पर कब्जा किया था लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से उनकी राह मुश्किल हो जायेगी। बिहार में भले ही नीतीश एनडीए में वापस आ गए हैं लेकिन विपक्ष के नेता भी एनडीए के खिलाफ अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं।

    उन्होंने भाजपा के वादों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने नौकरी का वादा किया था, महंगाई कम करने का वादा किया था, गंगा साफ़ करने का वादा किया था लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। नोटबंदी और जीएसटी ने आम लोगों की कमर तोड़ दी। भाजपा को इन सब का खामियाजा भुगतना पड़ेगा 2019 में।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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