ओज़ोव सागर में विवाद के बाद रूस और यूक्रेन के मध्य तनाव गहराता जा रहा है। यूक्रेन के विदेश मन्त्री ने रूस की आक्रमकता के खिलाफ तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। आज़ोव सागर में रूस ने यूक्रेन के तीन जहाजों और 24 नाविकों को अपने कब्जे में ले लिया था।
आर्गेनाईजेशन ऑफ़ सिक्योरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप को संबोधित करते हुए विदेश मन्त्री पावलो किम्किम ने कहा कि मास्को पीछे हटने की बजाये अपनी आक्रमकता में विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह यूरोपीय संघ के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि इस आक्रमकता के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय जगत को तत्काल जवाब देना चाहिए, सिर्फ घोषणा काफी नहीं, कार्रवाई होनी चाहिए।
हाल ही में रूस और यूक्रेन के मध्य 25 नवम्बर को विवाद बढ़ गया था। रूस ने यूक्रेन के जहाजों पर फायरिंग की और कब्जे में ले लिया था। रूस ने दावा किया कि रुसी जल पर यूक्रेन ने अवैध घुसपैठ कर सैनिकों को उकसाया था। हालांकि यूक्रेन इन आरोपों को नकारता है। यूक्रेन के विदेश मंत्री ने नाविकों को तत्काल रिहा करने करने की मांग की है।
रूस का पक्ष
रुसी विदेश मन्त्री ने मास्को की स्थिति को दोहराया और यूक्रेन और उसके सहयोगियों पर उकसाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि छोटे देश अपना प्रभुत्व बढाने के लिए ब्लैकमेल करते हैं, दबाव बनाते हैं और धमकियाँ देते हैं।
रुसी मंत्री ने कहा कि यूक्रेन पश्चिमी सनार्थाकों के कारण सभी सजाओं से मुक्त है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की कार्रवाई के लिए कौन जवाद्देही होगा।
रूस-यूक्रेन विवाद
साल 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया था जो पहले यूक्रेन का भाग था। इसके बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे। ख़बरों के मुताबिक पूर्वी यूक्रेन के दोनबास इलाके में रूस चरमपंथियों को समर्थन करता है, पांच साल से अधिक समय पूर्व हुए हमले में 10 हज़ार लोगों की हत्या भी की गयी थी।