संयुक्त राष्ट्र के आतंक रोधी अधिकारी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में यात्रा के लिए गए हैं। इस क्षेत्र में बीजिंग ने आतंकवाद के खतरे के कारण 10 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिमो को कैद कर के रखा है। यूएन के सूत्रों और दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी थी।
आतंकवाद विरोधी मामलों के अंडर जनरल व्लादिमीर वोरोंकोव ने उच्च स्तर की यूएन द्वारा शिनजियांग की यात्रा की है। इस क्षेत्र को कार्यकर्ता खुली हवा में कैद कहते हैं जहां मानवीय अधिकारों को कुचला जाता है।
यूएन के प्रवक्ता फरहान हक़ ने एक रूसी कूटनीतिज्ञ वोरोंकोव की यात्रा की पुष्टि की है कि वह चीन की आधिकारिक यात्रा पर थे लेकिन कोई जानकारी मुहैया नही की है। हक़ ने जोर देते हुए कहा कि यूएन का आतंक रोधी दफ्तर यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में मानव अधिकारों का सम्मान किया जाए।
शिनजियांग की यात्रा की पहली रिपोर्ट फॉरेन पालिसी मैगज़ीन में प्रकाशित हुई थी जिसकी कार्यकर्ताओं ने खूब आलोचना की थी। यूएन के ह्यूमन राइट वाच के डायरेक्टर लुइस चर्बोंनेऔ ने कहा कि यूएन ने आतंकरोधी प्रमुख को शिनजियांग की यात्रा की अनुमति दी थी यह आतंकवाद विरोधी मामला है ना कि मानव अधिकार के उल्लंघन का सवाल है।
यूएन अधिकार के प्रमुख मिशेल बचलेट ने बीजिंग से सिंतबर में शिनजियांग में तथ्य खोजने के अनुमति के बाबत पूछा था लेकिन इसके बाद इंतजार ही करना पड़ा। यूएन में चीन के नए राजदूत ने गुरुवार को यूएन के प्रमुख को शिनजियांग और चीन की यात्रा का खुला आमंत्रण दिया था।
अमेरिका और पश्चिमी देशों के आग्रह पर मई में यूएन महासचिव ने चीन की यात्रा के दौरान उइगर मामले को उठाया था। गुएट्रेस ने चीनी विदेह मंत्री से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मानव अधिकारो का पूरी तरह सम्मान किया जाना चाहिए।