संयुक्त राष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मक्रों को इस वर्ष ‘चैंपियन ऑफ़ द अर्थ’ के ख़िताब के लिए चयनित किया है। यह पर्यावरण सम्मान के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से दिया जाने वाला सबसे उच्च पुरुस्कार है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में बताया गया कि दोनों नेताओं को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और पर्यावरण की बेहतरी के लिए अलग स्तर पर किये गये अदभुत्त सहयोग के कारण नेतृत्व क्षमता के आधार पर इस ख़िताब के लिए चयनित किया गया है। भारत और फ्रांस ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र के साल 2015 में पेरिस में हुई जलवायु सभा के इतर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की नींव रखी।
क्या है आईएसए ?
आईएसए सौर उर्जा के धनी राष्ट्रों का आंतरिक भाग है। इसका मकसद विश्व में 121 सदस्य देशों में सौर उर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। आईएसए का मुख्यालय भारत के नई दिल्ली के गुरुग्राम शहर में स्थित है।
दुनिया का पहला सौर उर्जा से भरपूर भारत का कोचिन हवाईअड्डा भी इस पुरस्कार के लिय नामित हुआ है। यह सौर उर्जा की सीमित खपत के तहत नामित हुआ है।
यूएन ने पुरूस्कार का ऐलान इम्मानुएल मक्रों के पर्यावरण की वैश्विक संधि और नरेन्द्र मोदी की भारत को साल 2022 तक प्लास्टिक मुक्त करने की शपथ के कारण इन दोनों नेताओं का चयन किया गया है।
वार्षिक’चैंपियन ऑफ़ द अर्थ’ का पुरूस्कार सरकार के बेहतरीन नेताओं, सिविल सोसाइटी और निजी क्षेत्र में पर्यावरण के लिए सकारात्मक कार्य करने वालों को दिया जाता है।