भारत ने संयुक्त राष्ट्र के बैठक में पाकिस्तान को फटकारते हुए कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि धर्म पर आधारभूत, साम्प्रदायिक बयान देने वाला और धार्मिक स्वतंत्रता से परहेज करने वाला देश दुनिया को लोकतंत्र और मानवाधिकार की नसियत दे रहा है।
भारत ने यह बात पाकिस्तान के मानव अधिकार परिषद में कश्मीर पर यूएन की रिपोर्ट दिखाने के जवाब में कही।
जेनेवा में भारत की स्थायी सचिव मिनी देवी कुमार ने कहा कि दुनिया को ऐसे देश से मानवाधिकार और लोकतंत्र की नसिहत नहीं चाहिए जिसने अपने अस्तित्व के बाद लोकतंत्र का मखौल उड़ाया हो।
सचिव ने कहा कि कश्मीर की असल समस्या बॉर्डर पार से आ रहे आतंकवादी है जिन्हें पाकिस्तान ने शह दे रखी है।
संयुक्त राष्ट्र की 39 वीं बैठक में कुमार ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद का संरक्षण का सबूत भारतीय आर्मी का पाकिस्तानी आतंकवादियों को अधिक संख्या बल में गिरफ्तार करना है।
इनमे से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित होते है जिन्हें पड़ोसी देश मदद मुहैया करता है।
भारत ने पाक को यह कहते हुए आड़े हाथों लिया कि अपने देश में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघनों से ध्यान भटकाने के लिए इस्लामाबाद नापाक एजेंडा अपना रहा है।
भारत का इशारा चीन-पाक आर्थिक गलियारा और गिलगित-बाल्टिस्तान में बन रहे बांध की तरफ था।