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    धार्मिक आज़ादी पर सम्मेलन

    पाकिस्तान के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भारतीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान में मानव अधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाने का आग्रह किया है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक और लोकतान्त्रिक प्रक्रिया पर आयोजित कांफ्रेंस में सिन्धी फाउंडेशन के कार्यकारी अधिकारी मुनवर सूफी लाघरी ने कहा कि “सिंध में सबसे बड़ी समस्या भय है। सबसे बड़ी चुनौती इस डर पर काबू पाना है। यह सिंध के भीतर खत्म नहीं हो सकती है इसलिए पूरी उम्मीद बाहर टिकी है। यूएन और अन्य देशो पर मेरी आशा है। प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी यूएन में आएंगे और उन्हें सिंध को जरुर रेखांकित करना चाहिए क्योंकि भारत को एक नाम सिंध से मिला है और काफी सिन्धी भारत और विदेशो में रह रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि “कम से कम वह मानव अधिकार पर तो बात कर सकते हैं। वे धार्मिक आज़ादी के बारे में बोल सकते हैं जैसे अमेरिका कहता है। हाल ही में वांशिगटन में धार्मिक आज़ादी पर एक सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इस समारोह में पीओके, बलूचिस्तान और अफगानिस्तान के जानकारों और कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया था।”

    बलूचिस्तान की मानव अधिकार परिषद् के प्रमुख ताज बलोच ने कहा कि “स्थिति बिगडती जा रही है क्योंकि वैश्विक समुदाय बलूचिस्तान में अत्याचार पर चुप्पी साधकर बैठा है। शुरुआत में लोगो को गयाब किया गया, फिर हत्याओं का दौर शुरू हुआ और अब गाँवों को जलाया जा रहा है। तकनीकी तौर पर इसे नरसंहार और जातिय विनाश कहा जाएगा। जनता जीने के अधिकार से महरूम है। उन्हें उठाया जाता है, हत्या की जाती हाउ और दफना दिया जाता है।”

    ताज ने कहा कि “अंतररष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थाओं और यूएन को बलोचिस्तान का दौरा करना चाहिए और हालातो का जायजा लेना चाहिए। उन्हें पाकिस्तानी सेना द्वारा जंग अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधो को रोकना चाहिए।” पाकिस्तान पर सिर्फ अपने देश में मानव अधिकारों के उल्लंघन का आरोप नहीं लगा है बल्कि वह पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में भी जिहाद का प्रचार कर रहा है।

    इस समारोह में शामिल काबुल के एक पत्रकार बिलाल सरवरी ने कहा कि “पाकिस्तान का किरदार और छवि पूरी तरह धूमिल है। अगर हम साल 2001 की तरफ देखते हैं जब तालिबान को सत्ता से हटाया गया था, वह अफगान के लिए शान्ति और बेहतर कल के लिए लड़ने की एक नया सफ़र था। अफ़सोस अफगानिस्तान में पाकिस्तान की छवि सड़क पर बम लगाने वाले और आत्मघाती हमलावरों के रूप में हैं। पाक जंग यानी जिहाद के नाम पर सार्वजानिक सभा और धन एकत्रित किया जाता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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