ईरान के विदेश ममंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में शरीक होने के लिए न्यूयोर्क की यात्रा की थी। ईरान की स्टेट न्यूज़ एजेंसी आईआरएनए के हवाले से रायटर्स ने जानकारी दी है। ईरान और अमेरिका के बीच में परमाणु कार्यक्रम के कारण तनाव काफी बढ़ गए हैं।
ईरान-अमेरिका तनाव
वांशिगटन ने खाड़ी इलाके में तेल टैंकर पर हमले का जिम्मेदार तेहरान को ठहराया था। इन आरोप को ईरान ने खारिज किया है। दोनों राष्ट्र बीते महीने संघर्ष के काफी नजदीक आ गए थे, जब तेहरान ने अमेरिका के निगरानी ड्रोन को मार गिराया था और वांशिगटन ने तत्काल हमले के आदेश दिए थे लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले से पूर्व इससे इंकार कर दिया था।
जावेद जरीफ संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद् की बैठक में शरीक हुए थे और इसके बाद वह वेनेजुएला, बोलीविया और निकारागुआ की यात्रा करेंगे। अमेरिका के ट्रेज़री सेक्रेटरी स्टीवन म्युनिक ने कहा कि “अमरीका जावेद जरीफ सहित ईरान के आला अधिकारीयों पर प्रतिबंधो को थोपने का ऐलान किया था। यह असहमति को हल करने के कूटनीतिक प्रयासों में बाधा डालना है।
इस मामले से समन्धित दो सूत्रों ने गुरूवार को कहा कि “अमेरिका ने अभी जावेद जरीफ पर प्रतिबंधो को न थोपने का निर्णय लिया है।” यह अमेरिका द्वारा कूटनीति के दरवाजे को खोलने का संकेत हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने बीते महीने साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था।
इसके बाद तेहरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान आतंकवाद और संघर्षों का समर्थन करता है।
इस संधि पर पांच देशों ने हस्ताक्षर किये थे, इसमें रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी थे और यूरोपीय संघ था। इसका मकसद ईरान के नागरिक उर्जा कार्यक्रम पर अंकुश लगाना था और भविष्य में तेहरान को परमाणु हथियारों को विकसित करने से रोकना था।