अमेरिका संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति की तत्काल बैठक का इस्तेमाल ईरान पर दबाव बढाने के लिए करेगा क्योंकि उन्होंने परमाणु संधि के उल्लंघन किया है। कूटनीतिज्ञो के मुताबिक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि सभी पक्ष संधि पर अगले कदम पर विचार करेंगे।
बीते दो हफ्तों में ईरान ने संधि के दो स्तरों की उल्लंघन किया है। परमाणु हथियार के निर्माण के लिए ईरान को पर्याप्त जीवाश्म इंधन के उत्पादन करने की जरुरत है। ईरान ने कहा कि यह वांशिगटन के आर्थिक प्रतिबंधों की यह प्रतिक्रिया है। वांशिगटन ने कहा कि “वह समझौते पर पंहुचने के लिए बातचीत के तैयार है।”
ईरान के मुताबिक, अमेरिका के संधि के बाहर निकलने से पूर्व की तरह ही तेहरान तेल बेचने में सक्षम होने चाहिए। हालाँकि दोनों देशों की बातचीत के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ईरान ने कहा कि “वह संधि की सीमा को तोड़ना जारी रखेंगे।” अमेरिका बातचीत के लिए ईरान को अलग थलग कर मजबूर करना चाहता है।
अमेरिका ने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ईरानी शासन को उत्तरदायी ठहराना होगा। ” इन बोर्ड पर कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी के नियमो के तहत बैठक की मांग कर सकता है। यह बैठक दोपहर 2:30 बजे शुरू होगी।
ईरान ने संधि के नियमों का उल्लंघन किया है। आईएईए इस संधि के साझेदार है और वह इस एजेंसी के सुरक्षा समझौते का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। यूरोपीय कूटनीतिज्ञ ने कहा कि “हम इस बैठक को नहीं चाहते थे। यह सभी के पास खुद को साबित करने का एक मौका है।”
ईरान ने इस संधि के यूरोपीय साझेदारो, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी को अमेरिका के प्रतिबंधों से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए गुहार लगाई है। आईएईए के जांचकर्ताओं ने 1 जुलाई को निरीक्षित किया कि “ईरान का संवर्धन यूरेनियम 202.8 किलोग्राम से अधिक गया है। अभी यह 20 फीसदी से काफी कम है और यूरेनियम हथियारों के निर्माण के लिए 90 प्रतिशत की जरुरत होती है।
अमेरिका ने ईरान को परमाणु संधि का उल्लंघन करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। यूरोपीय पक्षों ने मंगलवार को गहरी चिंता व्यक्त की थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि इस संधि के सभी साझेदारो को तत्काल मुलाकात करनी चाहिए।
ईरान ने कहा कि “वह संधि का उल्लंघन नहीं कर रहा है। अगर लगा कि अन्य पक्ष संधि का सम्मान नहीं कर रहा है तो वह परमाणु संधि की आंशिक प्रतिबद्धताओं से पीछे हट सकते हैं।”