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    हसन रूहानी और इम्मानुएल मैक्रॉन

    फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन ने सोमवार को ईरानी समकक्षी हसन रूहानी से मध्य पूर्व में तनाव को कम करने का में मदद और कदम उठाने का आग्रह किया है। इस क्षेत्र में तनाव को कम करने का रास्ता संकरा होता जा रहा है। सोमवार को मैक्रॉन और रूहानी के बीच 90 मिनट की द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इसका आयोजन न्यूयोर्क में यूएनजीए के सम्मेलन के इतर हुई थी।

    मध्य पूर्व में तनाव कम करे ईरान

    जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ईरान पर सऊदी अरब के अरामको तेल कंपनियों पर हमले का आरोप लगाया था। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान में कहा कि “राष्ट्रपति ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में तनाव को कम करने का रास्ता संकरा होता जा रहा है लेकिन पहले से कई ज्यादा जरूरी है और ईरान के के कदम उढ़ाने का समय आ गया है।”

    ईरानी यूएन मिशन के प्रवक्ता अलिरेज़ा मिर्यौसेफी ने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर कहा कि “दोनों पक्षों ने ईरान की संधि, द्विपक्षीय संबंधो और राष्ट्रपति रूहानी के क्षेत्र के लिए नई पहल के तरीको पर चर्चा की थी।”

    बीते शनिवार को ईरान की इस्लामिक रेवोलूश्नेरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि “जो भी राष्ट्र ईरान को निशाना बनाने की कोशिश करेगा वो इस जंग का प्रमुख युद्धक्षेत्र बन जायेगा।”

    शनिवार को सलामी ने टीवी के माध्यम से कहा कि “सावधान रहिये, एक सीमित आक्रमकता सीमित नहीं रहेंगी। किसी भी आक्रमकता की पूरी तबाही तक हम इसे जारी रखेंगे।” ईरानी अधिकारियो ने अमेरिका के खिलाफ अपनी स्थिति को बरक़रार रखा है।

    ईरानी अधिकारियो ने कहा कि वह इस्लामिक रिपब्लिक के खिलाफ अमेरिकी योजना का विरोध करना जारी रखेंगे। संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने अमेरिका के नेतृत्व वाले अधिकारिक गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है जिसका मकसद ईरान के नजदीक गश्त करना है। सऊदी अरब के अरामको तेल प्लांट्स पर हमले की जिम्मेदारी  यमन के हौथी विद्रोहियो ने ली थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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