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    यूएन में जारी चर्चा

    पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् मे भारत की स्थायी सदस्यता पर हमला किया है। बुधवार को परिषद् के सुधार के बाबत चर्चा में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने भारत का नाम नहीं लिया लेकिन सुझाव की आलोचना की कि अगर मौजूदा वार्ता प्रक्रिया में प्रगति नहीं हो रही तो दुसरे विकल्प की तलाश करें।

    भारत के स्थायी प्रतिनिधि स्येद अकबरुद्दीन ने मंगलवार को कहा कि “हमारे बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, विश्वनीय प्रगति हमें दोबारा मिलती है तो हम इस मसले से कैसे जुड़े हैं, इसकी समीक्षा करने से कतई भी नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने इंटरगवर्मेंटल नेगोसियेशन ऑन काउंसिल रिफार्म की बैठक में कहा कि “हमें आगे बढ़ने के लिए रचनात्मक मार्गों को देखने की जरुरत है।”

    पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि “हमें आईजीएन की प्रगति में कमी की बात सुनी, पूरी प्रक्रिया की समीक्षा के लिए हमें पर्याप्त समय देना चाहिए। जो आईजीएन की समीक्षा की बात कर रहे हैं, उन्हें एक बार अपनी स्थिति की समीक्षा करने की गुजारिश करुँगी क्योंकि या सवाल उनका है जो अपने लिए स्थायी सदस्यता की चाहत रखते है, यह बीते दिन हुई हमारी चर्चा से साबित हो गया है।”

    भारत, ब्राज़ील, जर्मनी और जापान खुद के लिए स्थायी सीट चाहते हैं जबकि अफ्रीकी और अरब राष्ट्र खुद के लिए स्थायी सदस्यों की सूची में अपनी प्रतिनिधित्व चाहते हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे साथी द्वारा उठाये गए प्रश्न में उन्होंने यूएन चार्टर के खिलाफ कोई उदाहरण या दस्तावेज पेश नहीं किये हैं। आईजीएन और अन्य की प्रकियाओं में यही फर्क है। इस प्रस्ताव को यूएन जनरल असेंबली में पारित होने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरुरत है। इस प्रस्ताव के तहत अफ्रीकी राष्ट्रों को दो स्थायी सीट सुनिश्चित करनी थी।

    इस रणनीति पर राजदूतों ने अनौपचारिक तरीके से चर्चा कर ली है लेकिन अधिकारिक तौर पर किसी ने इसे प्रस्तावित नहीं किया है। मंगलवार को सैयद अकबरुद्दीन ने अफ्रीकी राष्ट्रों को स्थायी सीट देने पर अपना समर्थन दिया था और लम्बे अंतराल के जारी भेदभाव को सही करने को कहा था। उन्होंने कहा कि हम वार्ता में अफ्रीकी स्थिति में बदलाव का पूरा समर्थन करते हैं। यूएन में 55 अफ्रीकी राष्ट्र दो स्थायी सीट और अस्थायी सीट देने की मांग कर रहे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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