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    यूएन

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के 42 वें सत्र में भारत और पाकिस्तान कश्मीर के मामले पर आपस में भिड़ने को तैयार है। दोनों मुल्को ने कूटनीतिक आक्रमकता के तोपों को तैनात कर रखा है। भारतीय प्रतिनिधि समूह का नेतृत्व अजय बिसारिया करेंगे और पूर्व के सचिव विजय सिंह ठाकुर करेंगे।

    भारतीय प्रतिनिधि समूह ने हाल ही में मानव अधिकारों के लये यूएन क प्रमुख मिशेल बचेलेट से मुलाकात की थी और उन्हें जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बाबत सूचित किया था। भारत ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया था और इसके बाद इस्लामाबाद ने इस मामले में वैश्विक समुदाय को घसीटने की कोशिश की है।

    सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मन्त्री शाह महमूद कुरैशी ने तीन दिवसीय जिनेवा की यात्रा शुरू की थी। कश्मीर मामले में यूएनएचआरसी के सत्र की अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मन्त्री शाह महमूद कुरैशी करेंगे। सोमवार को कुरैशी ने ट्वीट किया कि कश्मीर मामले पर यूएनएचआरसी के सत्र में पाकिस्तान बिल्कुल बोलेगा।

    उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “कश्मीर में भारत के अत्याचार की दास्तां हम जरुर यूएनएचआरसी के सत्र में सुनायेंगे। जैसा कि उच्चायुक्त मिशेल बचेलेट ने कहा कि किसी भी निर्णय की प्रक्रिया में कश्मीरी जनता को शामिल और उनके विचार जरुर शामिल होने चाहिए।”

    संयुक्त राष्ट्र में मानव अधिकार की उच्चायुक्त मिशेल बचेलेट ने कहा कि “भारत सरकार की हालिया कार्रवाई का कश्मीरियों के मानव अधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव से मैं बेहद चिंतित हूँ। इसमें इन्टरनेट कम्युनिकेशन और शांतिपूर्ण एकजुटता पर पाबंदिया और स्थानीय राजनेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी भी शामिल है।”

    बीते महीने भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और जम्मू कश्मीर के सभी विशेष अधिकारों को वापस ले लिया था जैसे वह राज्य के कानूनों का खुद निर्माण करे। साथ ही राज्यों को दो केन्द्रशासित प्रदेशो में विभाजित कर दिया गया था।

     

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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