पाकिस्तान अभी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है जिसके लिए इमरान खान कई मित्र देशों से मदद की गुहार लगा चुके हैं। मंगलवार को पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात ने 3 अरब डॉलर के बैलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर किये थे।यूएई नकद की किल्लत से जूझ रहे देश की मदद को तैयार है।
यूएई ने बीते वर्ष पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर को वित्तीय सहायता मुहैया करने का ऐलान किया था। सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान की इसी तरह आर्थिक मदद की थी। ताकि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय संकट से उभर सके और आईएमएफ से कर्ज लेने से बच सके।
मंगलवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के प्रमुख तारिक बजवा और अबू धाबी के फंड एंड डेवलपमेंट के निदेशक जनरल मोहम्मद सैफ अल सुवैदी के मध्य हुए थे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि यूएई ने पाकिस्तान के बैंक में 3 अरब डॉलर कोई रकम जमा करने का अधिकारिक ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के माध्यम से पाकिस्तान को वित्तीय स्थिरता बनाये रखने में मदद मिलेगी और आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
इस मौके पर यूएई के निदेशक सुवैदी ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान में 3 अरब डॉलर की रकम जमा करने का निर्णय पाकिस्तान की वित्तीय स्थिरता को बनाये रखने और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए लिया गया है। यह पाकिस्तान के व्यापक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एडीएफडी और पाकिस्तान अपनी लम्बी और मज़बूत दोस्ती का लुत्फ़ उठा रहे हैं, जो साल 1981 से बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह फंड पाकिस्तान की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार में योगदान देगा, रणनीतिक वृद्धि करेगा और पाकिस्तानी सरकार की विकास प्राथमिकताओं को हासिल करेगा। गत माह इमरान खान के क़तर दौरे के दौरान यूएई ने पाकिस्तान की वित्तीय सहायता का ऐलान किया था। पक्सितन का क़तर के साथ 15 वर्षों तक एलएनजी के सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट है।
सऊदी अरब और यूएई ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उभारने के लिए काफी अहम भूमिका अदा की है। साल 2018-19 वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का घाटा 12 अरब डॉलर का था।