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    टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूआईडीएआई यानि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार अधिनियम के कथित उल्लंघन मामले में भारती एयरटेल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यूआईडीएआई का कहना है कि सरकारी निर्देशानुसार आधार संख्या को मोबाइल नंबर से जोड़ते वक्त भारती एयरटेल ने बिना किसी सूचना के अपने पेमेंट्स बैंक में ग्राहकों के खाते खोल दिए।

    एयरटेल के खिलाफ यह मामला सामने तब आया जब श्रीनगर के हसन ने पाया कि उनकी एलपीजी सब्सिडी उनके बैंक अकाउंट में ना आकर उनके नए एयरटेल पेमेंट बैंक के खाते में पहुँच गयी है। पूछतात के दौरान हसन ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपने एयरटेल फ़ोन नंबर को आधार से जोड़ा था।

    हसन की इस खबर के आने से यूआईडीएआई काफी गुस्से में है। उन्होंने कहा है कि यह एक गंभीर अपराध है और यदि किसी कंपनी को इससे जुड़ा पाया गया, तो निजी सुचना का उल्लंघन करने पर उन्हें कड़ी सजा का प्रावधान हो सकता है।

    ऐसे में यूआईडीएआई भारती एयरटेल पर जुर्माना ठोकने का दावा किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रथम दृष्टतया आधार अधिनियम उल्लंघन का मामला सही पाए जाने पर यूआईडीएआई ने एयरटेल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

    भारती एयरटेल

    भारती एयरटेल की पैंतरेबाजी

    नाम नहीं छापने व पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि भारती एयरटेल के दोष काफी गंभीर हैं, ऐसे में इस कंपनी ने आपराधिक और अनुबंध उल्लंघन को एक साथ अंजाम दिया है, यहीं नहीं एयरटेल ने आधार अधिनियमों का भी उल्लंघन किया है।
    आप को जानकारी के लिए बता दें कि भारती एयरटेल की यह कारामात उस वक्त पकड़ी गई जब कुछ एयरटेल कस्टमर्स की एलपीजी सब्सिडी की राशि बैंक अकांउट के बदले एयरटेल के पेमेंट बैंक में जमा होने लगी।

    ग्राहकों द्वारा शिकायत दर्ज कराने पर खुला राज

    यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब ग्राहकों को केंद्रीय सरकार के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत मिलने वाली रसोई गैस सब्सिडी उनके नामित बचत खाते अथवा अन्य बैंक खातों में जाने की बजाय एयरटेल पेमेंट बैंक खाते में जाने लगी।
    ऐसे में कुछ ग्राहकों ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें एयरटेल पेमेंट बैंक अकाउंट की कोई जानकारी नहीं है।

    एलपीजी कस्टमर्स

    ग्राहकों का कहना है कि एयरटेल ने बिना किसी जानकारी के उनके खाते खाले हैं। पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद यूआईडीएआई भारत एयरटेल के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी किया। आपको जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार के डीबीटी योजना के तहत लगभग 40 करोड़ रूपए की रसोई गैस सब्सिडी सीधे ग्राहकों के खाते में जमा की जाती है।

    यूआईडीएआई का कहना है

    यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने अखबार को बताया कि आधार सत्यापन करने के ​दौरान कुछ खास टेलिकॉम कंपनियों के खिलाफ गड़बड़ी करने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं।  पांडे ने बिना किसी टेलिकॉम कंपनी का नाम लिए बगैर कहा कि, यूआईडीएआई ने इस मामले की गंभीरता से जांच करने का आदेश जारी ​कर दिया है, क्योंकि मामला पूरी तरह से आपराधिक और आधार अधिनियमों के उल्लंघन का है। उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई की ओर से जांच जारी है, जल्द ही कुछ सकारात्मक निर्णय लिए जांएगे।

    भारती एयरटेल की सफाई

    आधार अधिनियमों के उल्लंघन मामले में सफाई देते हुए भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने ​रीटेल पार्टनर्स के साथ सेवाओं को पारदर्शी बनाने के लिए पूरी दृढ़ता के साथ काम कर रही है। कुछ सवालों के जवाब के दौरान कंपनी ने कहा कि,एयरटेल पेमेंट्स बैंक सभी दिशा—निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन करता है, और ग्राहकों को जोड़ते वक्त जांच की एक सघन प्रक्रिया पूरी करता है। कंपनी ने कहा कि एयरटेल पेमेट बैंक से ग्राहकों को जोड़ते वक्त उनसे सहमति ली जाती है।