विकीलीक्स द्वारा दी गयी रिपोर्ट को भारत की आधार कंपनी यूआईडीएआई ने नकार दिया है। रिपोर्ट में आधार के लिए बायोमेट्रिक उपकरण उपलब्ध करवाने वाली कंपनी क्रॉसमैच के साथ का अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए साइबर जासूसी के लिए उपकरण बनाने की खबर थी। जिसमें विकीलीक्स ने दावा किया था कि क्रॉसमैच के बनाये उपकरण से अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी ने आधार के डेटा में सेंध मार दी है।
विकीलीक्स के इस दावे को भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने दावा किया है कि आधार डेटा में सेंधमारी से बचाव के लिए ठोस उपाय किये गए है। प्राधिकरण ने इन रिपोर्ट्स को सिरे से ख़ारिज कर दिया है।
यूआईडीएआई ने विकीलीक्स कि सभी रिपोर्ट्स को बेबुनियादी और झूठा बताते हुए कहा है कि अभी तक भारत में 117 करोड़ लोगों का आधार बनाया जा चूका है। करीब 4 करोड़ ऑथेंटिकेशन रोजाना होते है। अभी तक एक भी ऐसी खबर नहीं आयी है, जिसमें बायोमेट्रिक डेटा लीक होने,पहचान चोरी होने या आधार कार्ड कि वजह से कोई वित्तीय नुक्सान होने कि खबर आयी हो।
यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार के लिए बायोमेट्रिक आंकड़ों को जुटाने की तकनीक हमारे देश में ही विकसित की गयी है, और इसमें पर्याप्त और आधुनिक सुरक्षा फीचर है।