Sat. Nov 23rd, 2024

    नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| भारत के अधिकांश युवा सर्वोत्कृष्ट कामकाज/जीवन संतुलन के लिए लचीला कामकाजी विकल्प चाहते हैं। एक सर्वेक्षण से मंगलवार को यह जानकारी मिली।

    जॉब पोटर्ल शाइन डॉट कॉम द्वारा किए गए ‘लचीले कामकाज का भविष्य’ सर्वेक्षण में कहा गया कि लचीले कामकाज की बढ़ती मांग का मुख्य कारण सड़क पर भीड़भाड़ और जाम से मुक्ति के साथ ही परिवहन पर आने वाली लागत में कटौती करना है।

    पहले लचीले कामकाज का विकल्प जहां आईटी से जुड़ी कंपनियों तक ही सीमित था, वहीं, सर्वेक्षण से खुलासा होता है कि अन्य भूमिकाओं जैसे एकांउटिंग, वित्त, एचआर और एडमिन में कार्यबल के आधुनिक प्रचलन तेजी से लागू हो रहे हैं।

    शाइन डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जायरम मस्टर ने एक बयान में कहा, “यह देखना बेहद खुशी की बात है कि उद्योगों के साथ-साथ पारंपरिक कार्यात्मक क्षेत्रों जैसे कि एकाउंटिंग और वित्त में भी लचीले कामकाज को अपनाया जा रहा है।”

    सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत के 43 फीसदी कर्मचारियों की लचीले कामकाजी विकल्पों तक पहले से ही पहुंच है।

    हालांकि, 52 फीसदी का मानना है कि उनके संगठन में लचीले कामकाज का विकल्प प्रदान करने की पर्याप्त संस्कृति का अभाव है।

    करीब 20 फीसदी कर्मचारियों का मानना है कि उनके बॉसेस और सहकर्मियों में धारणा संबंधी मुद्दे हैं और वे समझ नहीं सकते कि वास्तव में वे घर से कितना काम करते हैं।

    कर्मचारियों के घर से काम करने को ज्यादातर दृश्यता या सराहना प्राप्त नहीं होती है, जिससे उनका मनोबल महत्वपूर्ण रूप से कम हो जाता है।

    एक और चुनौती घर से काम करनेवाले कर्मचारियों के समक्ष यह आती है कि वे कार्यालय के घंटों के बाद भी अपना काम रोक नहीं पाते हैं।

    सर्वेक्षण में बताया गया कि 17.56 फीसदी प्रतिभागियों का कहना है कि दूर से काम करने पर सबसे बड़ी चुनौती सहकर्मियों के साथ तालमेल की कमी होती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *