चीनी ट्रोल आर्मी पर एक शाम को सोशल मीडिया पर प्रहार हुआ था जब दो उइगर समर्थित समूहों ने फेसबुक पेज पर शब्दों के ग्रेनेड और आक्रमक तस्वीरो को छोड़ा था। सोशल मीडिया पर चीन के राष्ट्रभक्त समूह ने खुद को डिबा सेंट्रल आर्मी घोषित कर रखा है और पूर्व में उन्होंने बीजिंग की करतूतों का बचाव करने के लिए कई अन्य पेजो को निशाना बनाया था।
चीन इस मसले पर वैश्विक समुदाय में अपनी छवि को लेकर काफी चिंतित है। ताइवान को चीन अपनी भूभाग का हिस्सा मानता है। चीन के मंसूबो को कामयाब करने के लिए डिबा एक ताकतवर ऑनलाइन सहयोगी की भूमिका अदा करती है।इस समूह के सदस्य स्टेट मीडिया को देशभक्ति की भाषा बोलने वाले कहते हैं।
10 अप्रैल को पूर्वी तुर्कमेनिस्तान और उइगर वर्ल्ड कांग्रेस के फेसबुक पेजो पर शिनजियांग पर खुशहाली में जीवन व्यतीत करते हुए लोगो की तस्वीरें पोस्ट की गयी थी और इन पर डिबा सेंट्रल आर्मी का लोगो था। इस पर अन्य कमैंट्स और तस्वीरें आक्रमक और भयावह थी, कई लोगो ने इस पेज को आतंकी समूहों का कहा था।
एक कमेंट में लिखा था, आतंकियों का पेज, आईएसआईएस से अलहदा नहीं है। अन्य कमेंट में लिखा था कि, सोवियत युग का पोस्टर है जिसमे हाथ से कुचल दिए जाने वाले काले और भूरे लोग है।
टीईटी फेसबुक पेज के सम्पादकों में से एक अरसलान हिदायत ने कहा कि “मैं एक असामान्य कंटेंट पोस्ट किया था और पोस्ट पात्र एक घंटे में 1400 कमेंट किये गए थे। हम इससे खुश है क्योंकि इसका मतलब जो हम साझा कर रहे हैं उससे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को क्रोध आ रहा है चीन हमारे प्रयासों को कुचलने की कोशिश में जुटा हुआ है।”
10 लाख उइगर मुस्लिमो और तुर्क भाषी लोगो को नजरबन्द शिविरों में रखने के लिए चीन की वैश्विक समुदाय ने कड़ी आलोचना की है। चीन ने इसे शिक्षण संस्थान के तौर पर पेश किया था।
पच्चास प्रतिशत सेना
डिबा आर्मी ने फैनपेज एक मशहूर पूर्व चीनी फुटबॉल खिलाड़ी के नाम पर रखा है जो इस समूह से सम्बंधित नहीं है और अब इस पेज पर 2 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। इस समूह को ‘फिफ्टी-सेंट आर्मी’ कहा जाता है सोशल मीडिया पर लोगो को देशभक्ति कमेंट करने के लिए कीमत चुकानी होती है।
आयोजनकर्ता यिन युचेंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि “मेमेस को शिनजियांग की पक्षपात और मनगढंत रिपोर्ट्स पर चित्रित किया गया था। वर्ल्ड उइगर कांग्रेस प्रोग्राम के समायोजक पीटर इरविन ने कहा कि “यह आक्रमण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी उभरती व्यग्रता को प्रदर्शित करती है और वह मानवता के खिलाफ अपराधों का बचाव करना चाहते हैं।”
सोशल मीडिया एनालिस्ट रेमंड सर्राटो ने कहा कि “डिबा जैसे समूहों के इस्तेमाल जनता, समूहों और वारदातों की हकीकत को प्रभावित करने के लिए किया जाता है, जो राज्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। यह सरकारी विभागों से सम्बंधित होते हैं।”
सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर मौजूदगी के बावजूद डिबा एक गुप्त समूह है। इस ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए यूज़र्स को चीन के अलगाव विरोधी सवालों का जवाब देना होता है। जहां लोकतंत्र की कमी स्वीकृत है और हुक्मरानो के वादों पर दृढ़ रहना है।
डिबा अपना हर अभियान सैन्य अनुशासन के तहत संचालित करती है, इसने पूर्व में ताइवान की राष्ट्रपति के फेसबुक पेज पर हमला बोला था। अलगावादियों और चरमपंथियों पर हमले की सोचना सबसे पहले इस समूह के विभिन्न पेजो पर मेमेस और निर्देशों के साथ घोषित की जाती है।
फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया कि हमारी नीतियों का उल्लंघन करने पर हम कंटेंट या अकाउंट को हटा सकते हैं और इसकी जांच करेंगे और किसी भी अपमानजनक व्यवहार की पुष्टि के बाद कार्रवाई करेंगे। जब बात अपशब्दों को ढूंढने एयर हटाने की आती है, हम जानते है हमारा कार्य कभी पूरा नहीं हो सकता है।”