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    यासीन मलिक

    श्रीनगर, 26 अप्रैल| जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय गुप्ता ने शुक्रवार को प्रतिबंधित जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष मुहम्मद यासीन मलिक के खिलाफ 30 वर्ष पुराने मामले को जम्मू से श्रीनगर स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी।

    उच्च न्यायालय ने इससे पहले वायु सेना के अधिकारी की हत्या से जुड़े मामले को श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे।

    यासीन मलिक उस मामले के आरोपी हैं जिसमें उनके खिलाफ मुकदमा जम्मू में चल रहा है।

    न्यायाधीश संजय गुप्ता ने 18 अप्रैल को मलिक की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

    मलिक की तरफ से तीन वरिष्ठ अधिवक्ताओं- जफर अहमद शाह, जफर कुरेशी और गुलाम कादिर भट ने दलील पेश की, जिसका सीबीआई की तरफ से पेश वकील मानिका कोहली ने विरोध किया।

    मलिक दो मामलों में आरोपी हैं। उनके खिलाफ मामलों की सुनवाई जम्मू की विशेष टाडा अदालत में चल रही है।

    सीबीआई ने रुबैया सईद के अपहरण मामले में मलिक के खिलाफ चालान पेश किया है। श्रीनगर में 8 दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रुबैया का अपहरण किया गया था।

    दूसरा मामला वायुसेना के अधिकारी रवि खन्ना, बी.डी. सिंह, उदय शंकर और आजाद अहमद की हत्या से जुड़ा है,जिसे उच्च न्यायालय ने श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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