जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासिन मलिक को शुक्रवार की रात को हिरासत में ले लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अलागववादियों के खिलाफ कुछ संदेहजनक बातें पता चली हैं।
पुलिस और अर्धसैनिक बलों को राज्य में हाई-अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन किसी भी अन्य बंदी के बारे में अबतक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
यह कार्रवाई पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के आठ दिन बाद हुई है।
14 फरवरी को एक फिदायीन हमलाा हुआ था। जिसमें जैश-ए-मोजम्मद संगठन के एक आंतकवादी ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया और 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे।
इससे पहले वहां के 18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई थी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री उमर अब्दुल्लाह व महबूबा मुफ्ती इस हमले के लेकर केंद्र पर हमला कर रहे हैं। इस घटना के बाद देश के तमाम हिस्सों में रहे रहे कश्मीरियों को प्रताड़ित कि जाने की खबरें आने लगी थी। बात में सुप्रीम कोर्ट ने एडवाईसयरी जारी कर राज्यों में कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
ज्ञात हो कि यासीन मलिक से पहले देहरादून में जेएनयू की पूर्व छात्रा शहला रशीद के खिलाफ भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है।