संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने गुरूवार को यमन की सरकार और हूथी विद्रोहियों को महत्वपूर्ण शहर होडीदा से अपनी सेना को जल्द से जल्द वापस बुलवाने का आग्रह किया है क्योंकि संघर्षविराम के समझौते को हुए चार महीने बीत चुके हैं। परिषद् ने सर्वसम्मत से बयान दिया कि विपरिनियोजन की योजना का अनुपालन करने वाली सभी पक्षों पर वह निगरानी बनाये हुए हैं, बस वह यूएन के महासचिव की रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं।
स्वीडन में दिसंबर में सीजफायर डील के तहत सुरक्षा बलों की विपरिनियोजन योजना पर रज़ामंदी हुई थी और यह वर्षों की जंग खत्म होने का बेहतरीन मौका था, जो यमन को सूखे की तरफ धकेल रही है। परिषद् ने गहरी चिंता व्यक्त की है कि चार माह बीते जाने के बावजूद इस समझौते को अभी तक अमल में नहीं लाया गया है।
अलबत्ता, शान्ति प्रयासों को बाधित करने वालो को प्रतिबंधों का कोई भय नहीं है। यूएन के राजदूत मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सोमवार को परिषद् में कहा कि “सरकार और हूथी विद्रोही होडीदा से सेना को वापस बुलाने की जानकारी मुहैया करने के लिए रज़ामंद है।”
सुरक्षा परिषद् ने फरवरी को होडीदा शहर और बंदरगाह से सैनिकों की वापसी के समझौते का ऐलान किया था लेकिन इसको जमीनी स्तर पर लागू करने में काफी चुनौतियाँ है और इसके बाद से शान्ति स्थापित करने प्रयास ठप पड़े हुए हैं।