सऊदी अरब (saudi arabia) और यमन (yemen) की विशेष सेना ने यमन की ब्राँच में इस्लामिक स्टेट के सरगना को हिरासत में ले लिया है। देश की सरकार का समर्थन करने वाले सऊदी की नेतृत्व में संगठन ने मंगलवार को इसकी घोषणा की थी। इस सरगना की पहचान अबू ओसामा अल मुजाहिर के तौर पर हुई है।
गठबंधन के प्रवक्ता तुर्की अल मलिकी ने एक बयान में कहा कि “जिहादी समूहों के अन्य सदस्यों के साथ ही ओसामा को जून के हमले में पकड़ा किया गया था। इसमें प्रमुख वित्तीय अधिकारी भी शामिल है।” सऊदी की विशेष सेना ने यमन के समकक्षीयों के साथ मिलकर एक सफल अभियान को अंजाम दिया था जिसके परिणाम में यमन में दाएश की शाखा के सरगना को पकड़ लिया गया है।
उन्होंने कहा कि “एक घर को सख्त निगरानी में रखा गया है जहां आतंकी समूह के नेता और अन्य तत्वों की उपस्थिति है, इसमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल है।
मलिकी ने घर के स्थान की जानकारी नहीं दी थी और न ही बताया कि हमले को कहाँ अंजाम दिया गया था लेकिन कहा कि इसमें नागरिक हताहत नहीं हुई थी। आईएस और नया जिहादी समूहों ने देश के गृह युद्ध में अराजकता का माहौल बना रखा है।
इस गृह युद्ध में सऊदी के नेतृत्व के गठबंधन के समर्थन से देश की सरकार का सु=हिय हौथी विद्रोहियों ने संघर्ष जारी है। आईएस के सीरिया और इराक में बड़े भागो को तबाह कर दिया है लेकिन वह शिविरों को चलाता है और समस्त यमन में अधिक संख्या में लड़ाके भी सक्रीय है।
अरबी प्रायद्वीप में अल कायदा भी यमन में सक्रीय है और इसे अमेरिका चरमपंथी समूह की सबसे खतरनाक शाखा मानता है। बीते माह अल कायदा के चार सदस्य एक आत्मघाती हमले में मारे गए थे जिसकी जिम्मेमदारी आईएस ने ली थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता सँभालने के बाद अलकायदा के खिलाफ अमेरिका का ड्रोन युद्ध काफी तीव्र हो गया है।
यमन में चार सालो से अधिक जंग में हज़ारो लोगो की जान गयी है। संयुक्त राष्ट्र ने इस संघर्ष को विश्व का सबसे बड़ा मानवीय संकट करार दिया था। इसमें लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और लाखों को सहायता की जरुरत है।