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    यमन में संघर्ष

    यमन के ढाले प्रान्त में बुधवार को सरकार और हूथी विद्रोहियों के बीच संघर्ष से 12 नागरिकों की मौत हो गयी है। सिन्हुआ के मुताबिक, मृतकों में पांच की पहचान सैनिको और सात की विद्रोहियों के रूप में हुई है। हाल ही में विद्रोहियों प्रान्त की तरफ बढ़ रहे थे और सरकार समर्थित सेना से उनके आमना-सामना हो गया था।

    हूथी विद्रोहियों पर हमला

    सैन्य अधिकारी ने सिन्हुआ से कहा कि “सऊदी नेतृत्व के गठबंधन के सैन्य बलों ने हवाई स्पेस को हवाई हमले से ढक दिया था। इस क्षेत्र में हूथी विद्रोहियों के साथ जारी जंग में पांच सैनिको की मौत हो गयी थी।”

    यमन में यूएन के विशेष राजदूत मार्टिन ग्रिफिथ्स ने मंगलवार को जारी तनाव पर चिंता व्यक्त की थी। साथ ही सभी पक्षों से संयमता कायम रखने की गुजारिश की थी। बीते माह कई हूथी विद्रोहियों ने सरकारी सेना पर सिलसिलेवार हमले के बाद अल हुशा जिले पर कब्ज़ा कर लिया था।

    साल 2014 से हूथी विद्रोहियों के विद्रोह के बाद यमन गृह युद्ध की जंग में तप रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंसूर को निर्वासित होने के लिए मज़बूर कर रहे हैं।

    मंगलवार को सऊदी अरब की 1200 किलोमीटर की पाइपलाइन को निशाना बनाया गया था और इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी हूथी विद्रोहियों ने ली थी। सऊदी अरब और यूएई ने मार्च 2015 में यमन जंग में दखलंदाज़ी की थी और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय समर्थित सरकार का विद्रोहियों के खिलाफ व्यापक हो गया था।

    इस हमले के बाद सऊदी ने अपनी मुख्य पाइपलाइन को भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया है। यमन के हूथी विद्रोहियों ने लाल सागर बंदरगाहों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तटीय सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दी है लेकिन सैन्य उपकरणों को हटाने के लिए काफी कार्य अभी शेष है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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