Fri. Nov 15th, 2024
    यमन का राष्ट्रिय ध्वज

    यमन में स्थितियां बेहद नाजुक बानी हुई है, वर्षों से जंग के साये में जी रहे इस देश के बाशिंदे दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट से गुजर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया कि आगामी दिनों अधिक भयावह हो सकते हैं। साल 2014 से सऊदी अरब द्वारा समर्थित यमन की सरकार ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों से जंग लड़ रही है। हालात यह है कि इस संघर्ष से देश आकाल की कागार आ गया और अर्थव्यवस्था सिकुड़ गयी है।

    विश्व का सबसे बड़ा मानवीय संकट

    मानवधिकार मामलो से सम्बंधित यूएन के दफ्तर ने कहा कि “यमन में मानवीय संकट दुनिया में सबसे  भयावह ही रहेगा।” आंकड़ों के मुताबिक 240 लाख लोगों यानी 80 फीसदी जनता को संरक्षण और मानवीय सहायता की जरुरत है।लोगों की जरुरत तेज़ी से बढ़ती जा रही है, बीते वर्ष के मुकाबले लोगों की बढ़ती जरुरत में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है।

    ओसीएचए बयान में कहा कि “देश का दो-तिहाई भाग पहले ही आकाल ग्रस्त है, और एक-तिहाई कमियों से जूझ रहा है।” विश्व स्वास्थ्य संघठन के मुताबिक मार्च, 2015 के बाद मुल्क के 10000 नागरिकों की मृत्यु हुई है और 60000 लोग जख्मी हुए हैं। हालाँकि मानवधिकार समूहों के अनुसार असल आंकड़े इससे पांच गुना अधिक है।

    भूखमरी की चपेट

    संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यमन में 14 मिलियन लोग भूखमरी से जूझ रहे हैं। यमन में कुपोषित बच्चों की ख़बरों ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था। यमन के आर्थिक जानकार ने बताया कि यमन में बेरोजगारी का स्तर 30 फीसदी से अधिक है और महंगाई 42 फीसदी से ऊपर है। उन्होंने बताया कि अधिकतर मजदूरों को उनकी आय तक नहीं दी जाती है। जानकार ने कहा कि यमन के हालत बहुत भयंकर और खराब है, कर वसूली सुख चुकी है और आर्थिक मुद्रा दिन प्रतिदिन धड़ल्ले से गिरती जा जा रही है।

    यमन की सरकार और विद्रोहियों के मध्य साल 2014 में जंग शुरू हुई थी जब सरकार ने ईंधन सब्सिडी को बंद कर दिया था। साल 2015 में सऊदी अरब और यूएई इस जंग में कूदे थे। यमन में सहायता समूह ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि बीते तीन सालों से जारी इस जंग में 85 हज़ार बच्चों की मौत भूखमरी के कारण हुई है। यमन के एक मानवीय विभाग ने बताया कि अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2018 तक 84701 बच्चों की मौत भुखमरी के कारण हुई है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *