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    यमन में खाद्य असुरक्षा

    संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को धमकी दी कि यदि हूथी विद्रोही इस क्षेत्र को नियंत्रित करेंगे तो यूएन जंग से जूझ रहे यमन में मानवीय सहायता मुहैया करना बंद कर देगा। बीते वर्ष हुए समझौते का पालन नहीं किया जायेगा और खाद्य सामग्री में छेड़छाड़ नहीं रुकेगी तो ऐसा संभव होगा।

    यूनिटेड नेशन्स वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ने बयान में कहा कि “यमन में मानवीय सहायता कर्मचारियों को जरुरतमंद लोगो तक पंहुच के लिए इंकार किया जा रहा है, सहायता पंहुचना बाधित हो गया है और स्थानीय विभाग भोजन वितरण में दखलंदाज़ी कर रहे हैं। इसे रोकना ही होगा।”

    यमन में यूएन एक करोड़ से अधिक लोगो को भोजन मुहैया कर रही है। यूएन ने आरोप लगया कि प्रतिरोध और असहयोगी विद्रोही नेता लाभार्थियों के स्वतंत्र चयन में छेड़छाड़ करते हैं।

    एजेंसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डेविड बेअसले ने विद्रोहियों को पत्र लिखकर कहा कि “अगर लाभार्थियों को निशाना बनाया जा रहा है और सहमति के तहत बायोमेट्रिक एक्सरसाइज को अंजाम नहीं दिया जायेगा तो कोई विकल्प नहीं बचता है। हमे हूथियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में भोजन सामग्री के वितरण पर रोक लगानी होगी।”

    इस संधि पर डब्ल्यूएफपी ने बीते दिसंबर और जनवरी में सम्बंधित पक्षों के साथ हस्ताक्षर किये थे। यूएन में पूर्व ही हूथी विद्रोहियों के रवैये के प्रति प्रतिक्रिया जाहिर की थी। उन्होंने सबूतों को जुटा लिया है जिसके तहत हूथी विद्रोही भोजन के शिपमेंट की हेरा-फेरी करते हैं।

    सितम्बर में बेअसले ने कहा कि “यह कृत्य भूखे लोगों के मुंह से निवाला चोरी करने की तरह है।” यमन साल 2015 से गृह युद्ध में पिस रहा है। यमन के राष्ट्रपति अब्द राब्बुह मंसूर हादी की सरकार को सऊदी के गठबंधन का समर्थन है। सरकार और हूथी विद्रोहियों की सेना के बीच हिंसक संघर्ष का दौर जारी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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