ईरान ने सोमवार को सऊदी अरब की तेल कंपनियों पर हौथियो द्वारा हमला करने का बचाव किया है और कहा कि यह यमन की वैध सरकार की रक्षात्मक कार्रवाई के तहत हवाई हमला किया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा कि “ईरान ने देखा कि यमन ने क्या किया है, यह यमन की सरकार की तरफ से की गयी रक्षात्मक कार्रवाई थी।”
14 सितम्बर को सऊदी अरब की राज्य तेल कंपनी अरामको की दो साइट्स पर ड्रोन से हमला किया गया था जिससे तनाव काफी बढ़ गया था। इस हमले की जिम्मेदारी हौथी विद्रोहियों ने ली थी। सल्तनत ने सबूत मुहैया कर दिए है कि यह हमला ईरान ने ही अंजाम दिया था।
18 सितम्बर को सऊदी अरब ने कहा कि उनके तेल ढांचों पर हवाई हमला उत्तर की तरफ से किया गया था और निसंदेह यह ईरान ने अंजाम दिया था। कई यूरोपीय ताकतों, अमेरिका और सऊदी अरब ने इसका कसूरवार ईरान को ठहराया है। हालाँकि ईरान ने निरंतर इन आरोपों को ख़ारिज किया है।
18 ड्रोन और आठ मिसाइलों को लांच किया गया था इसमें एक ईरानी डेल्टा विंग मानव रहित हवाई वाहन भी शामिल था। यमन में सऊदी अरब ने हौथी विद्रोहियों के खिलाफ आतंकवादी हमलो को काफी बढ़ा दिया है जिससे मध्य पूर्व में काफी तनाव बढ़ गया है।
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हौथियों के खिलाफ अरब सैन्य गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। गठबंधन बीते चार वर्षों से हादी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस संघर्ष को विश्व का सांसे बड़ा मानवीय संकट करार दिया है। इसमें लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और लाखों को सहायता की जरुरत है।