ईरान यमन और अन्य क्षेत्रों में शान्ति और स्थिरता के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशो के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है। ईरानी सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी थी। सऊदी तेल के स्थानों पर यमन की सेना ने सप्ताह के अंत में हमला किया था।
स्टेट टेलीविज़न को दिए एक इंटरव्यू में एक प्रवक्ता अली रबिएइ ने कहा कि “मैं यहाँ यह ऐलान करने के लिए हूँ कि ईरान संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशो के साथ यमन में शांति के लिए सहयोग करने को पूरी तरह तैयार है और इसके बदले में यमन और क्षेत्र में स्थिरता कायम रहेगी।”
ईरान के विदेश मन्त्री जावेद जरीफ ने रविवार को अमेरिका की निंदा की क्योंकि वह सऊदी के तेल उत्पादक सेक्टर में हमले के लिए तेहरान को कसूरवार ठहरा रहा है। विदेश मन्त्री ने अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो के बयान को ख़ारिज कर दिया था। पोम्पियो ने सऊदी पर हुए ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाया था।
सऊदी की दो तेल उत्पादन इलाकों में शनिवार को ड्रोन से हमला किया गया था। यमन के हौथी विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
सऊदी अरामको राज्य द्वारा संचालित और नियंत्रित कंपनी है, इसके अधिकतर भाग पर सल्तनत के रिफाइनरी प्रोडक्शन और आयलफील्ड का अधिकार है। रेवेन्यू के मामले में यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और विश्व की सबसे अधिक मुनाफा देने वाली कंपनी है।