Sat. Nov 23rd, 2024
    म्यूच्यूअल फण्ड

    शेयर बाजार से सम्बंधित संस्था सेबी नें म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश को लेकर नए नियम जारी किये हैं। इन नियमों की मदद से आम जनता के लिए शेयर बाजार में निवेश करना सस्ता और सुलभ होगा।

    जाहिर है इस समय कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और रुपए के गिरने से वित्त बाजार में बदलाव का माहौल है। इसी को लेकर सेबी नें हाल ही में बैठक की थी, जिसमें निवेशकों नें म्यूच्यूअल फण्ड जैसे मुद्दों पर भी बात की थी।

    ताजा जारी किये गए नियमों में मुख्य नियम हैं: शेयर निवेश के नियमों में सख्ती, शेयर पब्लिक होनें और लिस्ट होने के बीच के समय में कटौती, निवेशकों से लिए जाने वाले शुल्क में कटौती आदि नियम शामिल हैं।

    सेबी द्वारा जारी किये गए नए नियमों में से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्न हैं:

    1. म्यूच्यूअल फण्ड की फीस

    सेबी नें विभिन्न म्यूच्यूअल फण्ड को निर्देश दिए हैं कि वे निवेशकों से कम पैसे चार्ज करें। सेबी नें कहा कि सभी म्यूच्यूअल फण्ड जिस प्रकार से कमीशन आदि लेते हैं, उसमें बदलाव करने की जरूरत है।

    साधारण शब्दों में बात करें तो इससे निवेशकों के लिए पैसे निवेश करना सस्ता होगा।

    आपको बता दें कि जब कोई निवेशक किसी म्यूच्यूअल फण्ड में पैसे निवेश करता है, तो उस पैसे को सही जगह निवेश करने में कई लोगों की भागेदारी होती है। ये सभी व्यक्ति इसमें अपना कमीशन लेते हैं, जिससे निवेशक के लिए यह काफी महंगा हो जाता है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से लम्बे समय में निवेशकों को फायदा होगा लेकिन इससे म्यूच्यूअल फंड्स को शुरुआत में कुछ नुकसान हो सकता है।

    इस बारे में आईबीआई के ए के प्रभाकर का कहना है, “लम्बे समय में देखें तो यह अच्छा फैसला है क्योंकि इससे ग्राहकों को फायदा मिलेगा। लेकिन यदि वर्तमान में देखें तो इससे बड़े म्यूच्यूअल फण्ड की कमाई में कटौती होगी। ऐसे में म्यूच्यूअल फण्ड को अपनी प्रक्रिया में बदलाव करने की जरूरत है।”

    वर्तमान में आपको बता दें कि म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में जो डिस्ट्रीब्यूटर होता है, उसे कुल निवेश का 2 फीसदी कमीशन मिलता है, जबकि तय कमीशन 1 फीसदी है। ऐसे में इसे कम किया जा सकता है।

    एलआईसी म्यूच्यूअल फण्ड के लव कुमार नें बताया, “सेबी द्वारा कीमतों में कटौती करने से निवेश में पारदर्शिता आएगी। यह फैसला ग्राहकों के लिए अच्छा है और इससे आने वाले समय में म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकों का विश्वास मजबूत होगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग निवेश करेंगें।”

    2. शेयर लिस्ट करना

    सेबी नें कंपनियों द्वारा शेयर लिस्ट करने के लिए मिलने वाले समय में भी कटौती की है।

    आपको बता दें कि जब कोई कंपनी अपना आईपीओ निकालती है, उसके बाद कंपनी को शेयर लिस्ट करने के लिए 6 दिन का समय मिलता है। सेबी नें इसे कम करके 3 दिन कर दिया है।

    एलआईसी के कुमार नें बताया, “इससे आईपीओ में बंधे फंड्स जल्द बाजार में आ सकेंगें और इससे प्रोमोटर को भी शेयर के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए काफी समय मिलेगा।”

    सेबी के इस फैसले से भी निवेशकों को फायदा पहुंचेगा।

    आपको बता दें कि जब किसी कंपनी का आईपीओ निकलता है, तो उसके बाद शेयर की कीमतों में काफी हेरा फेरी देखने को मिलती है। ऐसे में इस समय को कम करने से अवैध कार्यों में कमी देखने को मिलेगी और यह निवेशकों के लिए पारदर्शक साबित होगा।

    3. आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए युपीआई भुगतान का विकल्प

    सेबी नें यह भी घोषणा की है कि आईपीओ के समय निवेशक अब युपीआई से भुगतान कर सकते हैं।

    जाहिर है युपीआई एक ऐसी सेवा है, जिसकी मदद से मोबाइल द्वारा चंद सेकंड में भी पैसे ट्रांसफर किये जा सकते हैं। ऐसे में इससे आईपीओ भुगतान करने में साधारण निवेशकों को मदद मिलेगी।

    4. कमोडिटी बाजार

    कमोडिटी बाजार में सोना, चांदी, कच्चा तेल आदि की खरीद-बिक्री होती है।

    सेबी नें अब यह फैसला लिया है कि देश के कमोडिटी बाजार में अब दुसरे देश के लोग भी निवेश कर सकते हैं। इसके लिए कुछ नियम और शर्तें लागू होंगीं।

    सेबी का मानना है कि इस फैसले से कमोडिटी बाजार में निवेश बढ़ेगा जो बाजार के लिए अच्छा है।

    5. एनआरआई लोगों के लिए नियम

    एनआरआई लोग वो होते हैं, जो भारतीय मूल के होते हैं, लेकिन वर्तमान में किसी दुसरे देश में रह रहे हों।

    इससे पहले एनआरआई लोगों पर कई नियम लागू होते थे, जिसे सेबी नें अब माफ़ कर दिया है। इन नियमों की वजह से अक्सर बाहरी निवेशक उलझन में रहते थे।

    सेबी नें कहा था कि वह एनआरआई लोगों के लिए जल्द ही नए नियम लागू करेगी, जिससे निवेश में पारदर्शिता आये।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *