Sat. Nov 23rd, 2024
    म्यांमार बांग्लादेश

    म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन नहीं थम रहा है। इस समय रोहिंग्या का मुद्दा वैश्विक स्तर पर छाया हुआ है। म्यांमार में अब भी रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार किया जा रहा है जिसके वजह से वर्तमान में भी सैकड़ों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश पहुंच रहे है।

    ये लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पड़ोसी देश बांग्लादेश पहुंच रहे है। वहीं म्यांमार सरकार इस संकट को खत्म करने में नाकाम साबित हो रही है।

    संयुक्त राष्ट्र की तरफ से दबाव बनाने के बावजूद भी म्यांमार की सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए है। अब ऐसा लग रहा है कि स्‍टेट काउंसलर आंग सान सू की पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाया जा सकता है।

    6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान कर चुके है पलायन

    गौरतलब है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा के बाद सैन्य कार्रवाई में अब तक करीब 6 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान यहां से पलायन कर चुके है। वहीं अभी तक भी इनका पलायन जारी है।

    जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में हाल ही में सैकड़ों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान पहुंचे है। इनका कहना है कि म्यांमार में अभी भी हजारों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान पलायन की कोशिश में है।

    म्‍यांमार की स्‍टेट काउंसलर आंग सान सू की वियतनाम में एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कॉपरेशन सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए आज रवाना हो गई। संभावना है कि सम्मेलन में म्यांमार पर अमेरिका व अन्य देशों की तरफ से कूटनीतिक दबाव बनाया जा सकता है।

    हाल ही में कुछ दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार को कहा था कि वह अपने नागरिकों को तुरंत वापिस बुलाए और रोहिंग्या मुसलमानों को घर वापस लौटने की अनुमति प्रदान करे।

    साथ ही कहा था कि म्यांमार को रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रवाई पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। और रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।