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    नरेंद्र मोदी रोहिंग्या मुस्लिम

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय म्यांमार के दौरे पर हैं। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम शरण के लिए बांग्लादेश और भारत में घुस रहे हैं। इस दौरान मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे रोहिंग्या मुस्लिमों की रक्षा करें।

    नरेंद्र मोदी को कहा गया है कि वे म्यांमार सरकार पर दबाव डालें जिससे कि रोहिंग्या मुस्लिमों को उन्ही के देश में शरण मिल सके। भारत में मानवाधिकार संगठन के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी को म्यांमार के अधिकारियों पर दबाव बनाना चाहिए कि वे जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाएं। हताश लोगों को जीवन रक्षक सहयोग से इंकार करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता।’

    इससे पहले भारत के केंद्रीय राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि भारत में रोहिंग्या मुस्लिमों को नहीं रहने दिया जाएगा और उन्हें वापस अपने देश जाना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि भारत में पहले ही विश्व में सबसे ज्यादा शरणार्थी रह रहे हैं। रिजिजू के मुताबिक, ‘मैं अंतरराष्ट्रीय संगठनों से कहना चाहता हूं कि चाहे रोहिंग्या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के तहत पंजीकृत हैं या नहीं, वे भारत में अवैध आप्रवासी हैं।’

    इसके अलावा रिजिजू ने कहा कि भारत एक परम्पराओं वाला देश हैं। इसमें पहले से ही असंख्य शरणार्थी रह रहे हैं। कानून के अनुसार रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से निकलना चाहिए क्योंकि वे अवैध शरणार्थी हैं।

    भारत में इस समय करीबन 40000 रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं। मुख्य रूप से ये राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, हरयाणा, हैदराबाद और दिल्ली में रह रहे हैं। ऐसे में भारतीय सरकार के लिए इन्हे अधिकार देना मुश्किल हो रहा है।

    कई अंतरार्ष्ट्रीय संगठन नरेंद्र मोदी को इनकी सुरक्षा करने के लिए कह रहे हैं। मोदी इस समय म्यांमार में ही हैं, और यह देखना होगा कि वे म्यांमार सरकार से रोहिंग्या मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने को कहते हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।