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    mount everest

    काठमांडू, 14 जून (आईएएनएस)| नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी ने माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर दुनिया के सबसे ऊंचे परिचालन मौसम स्टेशनों के सफलतापूर्वक स्थापित किए जाने की घोषणा की, इससे शोधकर्ताओं, पर्वतारोहियों और जनता को पहाड़ों की वास्तविक स्थिति के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। मीडिया को यह जानकारी शुक्रवार को दी गई।

    नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी में विपणन और संचार के निदेशक फे जेनेक्स ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “बहु-अनुशासनिक टीम ने माउंट एवरेस्ट के बालकनी क्षेत्र (8,430 मीटर) और साउथ कोल (7,945) पर दो उच्चतम परिचालन वेदर स्टेशन स्थापित करने के साथ-साथ तीन अन्य भी स्थापित किए।”

    द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बयान में कहा गया कि अन्य स्टेशनों की स्थापना फोर्छे (3,810 मीटर), एवरेस्ट बेस कैम्प (5,315 मीटर) और कैम्प 2 (6,464 मीटर) में किया गया और इसके साथ ही यह भी कहा गया कि प्रत्येक वेदर स्टेशन तापमान, सापेक्षिक आद्र्रता, वायु के दबाव, गति और दिशा से संबंधित आंकड़ों को रिकॉर्ड करेगी।

    वेदर स्टेशन से प्राप्त आंकड़े और एवरेस्ट के लिए नेशनल जियोग्राफिक और रोलेक्स के लगातार किए जा रहे अभियान के हिस्से के रूप में किए गए अन्य शोधों से वहां के पर्यावरणीय संबंधी जोखिमों के प्रति क्या किया जाना चाहिए या किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए, इस तरह की सारी बातें जानने में लोगों को बहुत मदद मिलेगी, क्योंकि जलवायु संबंधी जोखिमों से उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जिंदगी और उनकी आजीविका को खतरा है।

    बयान में यह भी कहा गया कि इन वेदर स्टेशनों को स्थापित करने का एकमात्र लक्ष्य मौसम के बदलाव को अच्छे से समझना और उन पर नजर रखना है।

    “बालकनी वेदर स्टेशन 8,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थापित पहला मौसम स्टेशन है, जिसका अर्थ यह भी है कि इससे सबसे पहले वायुमंडलीय जानकारी मिलेगी, क्योंकि वक्त के साथ-साथ वायुमंडलीय सीमाओं में प्राकृतिक विविधताएं आती रहती हैं।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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