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    अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) के अवसर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान व अन्य सत्तारूढ़ नेताओं ने कश्मीर में मानवाधिकारों का रोना रोया और इसी के बीच देश के प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश में मानवाधिकारों की स्थिति पर उन्हें ही आईना दिखा दिया। बिलावल ने कहा कि मौजूदा हुकूमत के ‘थोपे जाने’ के बाद से पाकिस्तान में मानवाधिकारों को रौंदा जाना काफी बढ़ गया है।

    अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर अपने संदेश में बिलावल ने कहा कि हुकूमत द्वारा अपने नागरिकों के साथ किए गए करार का सम्मान और हर नागरिक के मानवाधिकारों का सम्मान बेहद जरूरी है। लेकिन, जब से मौजूदा हुकूमत थोपी गई है, नागरिकों के मानवाधिकारों को रौंदे जाने में इजाफा हुआ है। इस सरकार ने प्रेस की आजादी से लेकर संगठन बनाने के अधिकार तक को दबाने वाली मुहिम को संरक्षण दिया है।

    बिलावल ने कहा कि शांति व विकास चाहने वाले किसी भी समाज के लिए अभिव्यक्ति की आजादी, आस्था की आजादी तथा महिलाओं व बच्चों के अधिकारों का संरक्षण बेहद जरूरी है। लेकिन, अभी सरकार की आर्थिक नीतियां लोगों को सम्मान से जीने के अधिकार पर हमले कर रही हैं और गरीबी को बढ़ाने की वजह बन रही हैं।

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