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    मोहम्मद शमी

    पिछले 12 महीने में भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अपने करियर में ऑफ फिल्ड कई उतार-चढ़ाव देखने पड़े है, लेकिन उन्होने कभी इससे अपने खेल को प्रभावित नही होने दिया। पिछले एक साल 28वर्षीय खिलाड़ी भारतीय कप्तान के लिए एक भरोसमंद खिलाड़ी के रूप में उभरे है।

    शमी इस समय आईपीएल-12 में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेल रहे है- और उन्होने यहां से टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत कर बताया है कि उन्होने पिछले एक साल में अपनी गेंदबाजी के किन क्षेत्रो में काम करके इसे अच्छा बनाया है और भारतीय पेस अटैक में जान डाली है।

    फिटनेस पर जो आपने काम किया है सबसे पहले आप उसके बारे में हमे बताए…

    ज्यादा समय पहले की बात नही है, मेरा वजन 93 किलो था। मैंने कम से कम 20 किलो कम किया है। एक बेहतर गेंदबाज बनने पर जोर दिया गया और फिटनेस ने इसका एक महत्वपूर्ण तत्व बना। मैंने अपने फिटनेस कार्यक्रम में बदलाव किया और डाइट भी बदली। फिलहाल इस समय मैं अपने सबसे फिट रुप में हूं। हालांकि, हमेशा सुधार की गुंजाइश है – चाहे वह मेरी गेंदबाजी के साथ हो या मेरी फिटनेस के संबंध में हो।

    क्या ऐसे कोई विशिष्ट क्षेत्र है जो आपने विशेष रूप से खेल के छोटे प्रारूपों में अच्छा करने के ऊनपर काम किया हो?

    मैं टेस्ट टीम का नियमित हिस्सा था और लाल गेंद से गेंदबाजी करके ही मेरे अंदर से सर्वश्रेष्ठ निकला है। टेस्ट में बॉलिंग पूरी तरह से अलग कौशलता है। हालांकि, 2015 विश्वकप के बाद में पूरे दो साल घुटने की चोट के कारण क्रिकेट नही खेल पाया। उसके बाद मैंने फिर से अपना आत्मविश्वास वापस पाया और अपनी गेंदबाजी और फिटनेस में काम करना शुरु किया।

    क्या आपने पिछले एक साल में किसी विशेष कौशल पर ध्यान केंद्रित किया है?

    मैं हमेशा से अपनी गेंदबाजी में डेथ ओवर में सुधार करना चाहता था। कुछ गेंदबाज नई गेंद से गेंदबाजी करने में बहुत सहज होते है। यहां तक कि अगर आप बहुत स्विंग नहीं कर रहे हैं, तो आप नई स्किड बना सकते हैं और शुरुआत में क्षेत्र प्रतिबंधों के बावजूद नई गेंद से गेंदबाजी करना आसान है। डेथ ओवर में आपको गेंद कई विविधताओ में फेंकनी पड़ती है क्योंकि उस समय बल्लेबाज भी गेंदो को बाउंड्री के पार पहुचाना चाहता है। तो अगर आप वहा गेंदबाजी कर सकते है इससे अच्छा कुछ नही है।

    आप अश्विन की कप्तानी का आकलन कैसे करेंगे क्योकि आप इससे पहले विराट कोहली और एमएस धोनी की कप्तानी में खेल चुके है?

    हर कप्तान का टीम को संभालने का अपना नजरिया होता है। धोनी भाई और विराट का अपना कप्तानी करने का एक अलग अंदाज है और यहां पर अश्विन अपना अलग अंदाज लेके आते है। यहा तुलना करना अनुचित होगा। एक कप्तान के रुप में अश्विन ने अपने गेंदबाजो को स्वतंत्रता दे रखी है कि वह अपने हिसाब से फिल्ड लगा सकते है और अपनी योजनाओ का निष्पादन कर सकते है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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