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    मोहम्मद शमी

    भारत और अफगानिस्तान के बीच शनिवार को एक रोमांचक मैच देखने को मिला। जहां मोहम्मद शमी (mohammed shami) आखिरी ओवर डालने आए थे और उन्हे 16 रनो का बचाव करना था। पहली गेंद पर मोहम्मद नबी ने गेंद को लोंग ऑफ की तरफ बाउंड्री पर पहुंचाया। तेज गेंदबाज अपने अंदर आत्मविश्वास लेकर आए और भारत दवाब में था।

    एमएस धोनी मैच को रोकते हुए गेंदबाज के पास गए और उनके साथ कुछ सैकेंड बात की। उसके बाद शमी ने तीन गेंद पर लगातर तीन विकेट लेकर हैट-ट्रिक लगाई और उन्होने मैच के बाद खुलासा किया कि उन्हें धोनी ने सलाह दी थी कि वह यॉर्कर पर बने रहे।

    शमी चेतन शर्मा के बाद विश्वकप में हैट-ट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए है। इससे पहले 1987 विश्वकप संस्करण में चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हैट-ट्रिक ली थी। यह विश्वकप के इतिहास की कुल मिलाकर 10वी हैट-ट्रिक है।

    शमी ने संवाददाताओ से बात करते हुए कहा, ” रणनीति बहुत आसान थी। मुझे केवल यॉर्कर गेंद करवानी थी और माही भाई ने मुझे यही सुझाव दिया था। उन्होने कहा, कुछ बदलने की जरुरत नही है और आपके पास हैट-ट्रिक पाने का एक अच्छा मौका है। यह मौका कभी-कभी मिलता है और आपको दोबारा यही गेंद फेंकनी है। तो, मैंन वही किया जो उन्होने मुझसे कहा।”

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    भुवनेश्वर कुमार को पाकिस्तान के खिलाफ गेंदबाजी के दौरान हैमस्ट्रिंग इंजरी हो गई थी इसलिए उनका जगह अफगानिस्तान के खिलाफ प्लेइंग-11 में मोहम्मद शमी को जगह दी गई थी।

    उन्होने कहा, ” प्लेइंग-11 में मौका मिला यह भाग्यपूर्ण था। मैं तैयार था मुझे जब भी मौका मिले, और मैंने इसका भरपूर फायदा उठाया है। जहा तक हैट-ट्रिक की बात है, ऐसा विश्वकप में कई कम बार देखने को मिला है। मैं खुश हूं।”

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    शमी ने कहा कि अंतिम ओवर में, सोचने का समय नहीं था और उद्देश्य योजना को अंजाम देना था।

    उन्होने कहा, ” सोचने का समय नहीं था। आपको अपने कौशल के साथ जाना था क्योंकि आपके पास अन्य कोई विकल्प नही था। यदि आप अधिक विविधताएं आजमाते हैं, तो रन के लिए जाने की संभावना अधिक होती है। मेरा विचार बल्लेबाज के दिमाग को पढ़ने के बजाय मेरी योजना को अंजाम देना था।”

    भारतीय गेंदबाजों ने महसूस किया था कि शॉर्ट बॉल एक ऐसा हथियार था जिसे प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता था और दोनों पेसर – शमी और जसप्रीत बुमराह – ने अफगान बल्लेबाजों के खिलाफ ऐसा ही किया।

    उन्होने आगे कहा, ” हम फुल लेंथ की गेंद नही कर रहे थे क्योकि यह बल्ले पर आसानी से आ रही थी। हम जानते थे कि उन्हे शार्ट गेंद के खिलाफ जोखिम उठाना पड़ रहा है। हमारी रणनीति आसान थी कि हमें एक सटीक लेंथ पर बाउंसर फेंकनी है।”

    आलराउंडर मोहम्मद शमी जिन्होने मैच में अर्धशतक लगाया था वह भारत से मैच दूर ले जाना चाहते थे और शमी ने कहा यह महत्वपूर्ण था कि उनका विकेट लिया जाए।

    उन्होने कहा, ” एक समय था जब नबी का प्रवाह परेशान कर रहा था लेकिन यह बेहतर है यदि आप अपनी चिंता या जलन नहीं दिखाते हैं तो बल्लेबाज आपको मांप नही सकता।”

    उन्होने आगे कहा, ” हमें अपनी कमजोरी नही दिखानी चाहिए। बाहर से, हमेशा आक्रमक दिखना चाहिए। हम जानते थे कि अगर नबी आउट होते है तो मैच हमारा है। वह एकमात्र बल्लेबाज थे, जो अफनी पारी का निर्माण कर सकते थे।

    “हमें अपनी कमजोरी नहीं दिखानी चाहिए। बाहरी से, हमें हमेशा आक्रामकता दिखानी चाहिए। हम जानते थे कि अगर नबी आउट होते हैं, तो मैच हमारा है। वह एकमात्र बल्लेबाज थे, जो अपनी पारी का निर्माण कर सकते थे।किसी के लिए, जो अपनी बिरयानी से प्यार करता था, शमी का नया मंत्र फिटनेस है, जिसने उन्हें पिछले साल टेस्ट मैचों में भारत के लिए कुछ शानदार स्पैल की गेंदबाजी करने में मदद की।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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