पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री की बाउंसर का जवाब मोहम्मद कैफ ने अपने चर्चित शॉट से करारा जवाब दिया है। इमरान खान ने कहा था कि वह मोदी सरकार को अल्पसंख्यको के साथ बराबरी का सुलूक करना सिखायेंगे, क्योंकि भारत के नागरिक कह रहे हैं कि उनके यहाँ अल्पसंख्यकों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है। इमरान खान ने नसीरुद्दीन शाह के अल्पसंख्यकों की चिंता के बयान पर अपने विवादित विचार रखे थे।
पाकिस्तान के पीएम ने एक बार फिर भारत में अल्पसंख्यकों के साथ ही रहे व्यवहार की तुलना पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से की थी इमरान खान ने कहा कि नए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाता है, लेकिन भारत में परिणाम इसके उलट दिखता है।
हमें उपदेश न दें
मोहम्मद कैफ ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि “विभाजन के समय पाकिस्तान में 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, और अब 2 फीसदी से भी कम है। इसके उलट भारत में विभाजन के बाद अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है। पाकिस्तान ऐसी आखिरी देश है जो दूसरे देशों को अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार करने पर उपदेश दे रहा है।”
38 वर्षीय इस बल्लेबाज के ट्वीट को तक़रीबन 43000 लोगों ने लिखे किया है, जबकि 16142 बार रीट्वीट किया गया है।
अपने मुल्क पर ध्यान दें
इमरान खान के इस बयान की भारतीयों ने आलोचना की थी । पाकिस्तानी पीएम के इस बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को अपने मुल्क के बाबत बातचीत करनी चाहिए, न कि हमारे देश के अंतरिम मसलों पर बेजा टिप्पणी करनी चाहिए, जिससे उनका दूर तक कोई नाता नहीं है।”नसीरुद्दी शाह ने कहा कि भारत में 70 सालों से लोकतंत्र का राज है, और हमें बखूबी अपने देश में अपनी देखभाल करना आता है।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार
इमरान खान के बयान पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक किसी मुस्लिम को ही राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में दलित समुदाय के भी कई प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद पर नियुक्त हुए हैं। उन्होंने कहा “खान साहब यही वक्त है जब आप भारत से समावेशी राजनीति और अल्पसंख्यकों के अधिकार के बाबत सीख सकते हैं।”