केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पुणे में एक रोचक बयान देते हुए कहा है कि ‘जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी राजनीति से सन्यास ले लेंगे, वो भी उसी दिन राजनीति को अलविदा कह देंगी।’
पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल हुईं ईरानी से जब आगामी लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़ने की संभावना पर सवाल किया गया, तो उन्होने इस पर सीधे तौर पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
ईरानी ने अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल पर गेंद अमित शाह के पाले में फेंकते हुए इशारों में कहा कि अंतिम फैसला उन्हें ही करना होता है, ऐसे में वो अमेठी से चुनाव लड़ेंगी या नहीं ये अमित शाह ही तय करेंगे।
इसी क्रम में कार्यक्रम में सवाल जवाब के दौरान ईरानी ने ये कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री राजनीति को अलविदा कह देंगे, वे भी उसी दिन राजनीति छोड़ देंगी।
अपनी राजनीतिक पारी के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी जैसे करिश्माई नेता के नीचे काम करने का मौका मिला, वहीं अब भी वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी जैसे व्यक्तित्व के साथ काम करने का मौका मिल रहा है।
ईरानी से वर्तमान सरकार में अपनी यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि जब उन्हें एचआरडी मंत्रालय दिया गया, तब उनपर पार्टी के अलावा किसी का भी विश्वास नहीं था।
कुछ राजनेताओं और पत्रकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन पर इन लोगो द्वारा तरह-तरह के सवाल दागे गए। इन सभी का लक्ष्य उन्हे परेशान करना था।
कॉंग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए ईरानी ने कहा कि ‘हम कॉंग्रेस पार्टी नहीं है। हमारा नेता जनता तय करती है, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के बाद कौन हमारा नेता होगा ये सवाल नहीं है, क्योंकि वो बहुत लंबे समय तक यहाँ रहने वाले हैं।’
हालाँकि प्रियंका गाँधी के कॉंग्रेस महासचिव बनाए जाने पर ईरानी ने कहा कि ‘इस देश में सभी अपने रास्ते तय करने के लिए स्वतंत्र हैं।’