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    मोदी सरकार

    2019 के लोक सभा चुनाव सर पर है। सभी पार्टिया जी तोड़ मेहनत कर आम लोगो का वोट जीतने की कोशिश में जुट चुकी है। मगर इन सब के बीच एक पार्टी ऐसी है जिसे फिर सत्ता में आने की पूरी उम्मीद है। इस वक़्त भी वे पार्टी केंद्र में मौजूद है। बात हो रही भारतीय जनता पार्टी की। वे 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के बजट की प्लानिंग शुरू कर चुकी है।

    एक वरिष्ठ सरकारी अफसर के अनुसार, वित्त मंत्रालय 1 फरवरी को अपने पूर्ण बजट पेश करने की तयारी में लग चूका है। वर्तमान की केंद्र में मौजूद सरकार का मई में होने वाले चुनाव से पहले का ये आखिरी बजट है। वैसे तो जब भी किसी सरकार का कार्यकाल ख़तम होने वाला होता है तो वे पूर्ण बजट की जगह वोट-ऑन-अकाउंट ही चुनती है मगर भाजपा ने ऐसा नहीं किया। इससे यही संकेत मिलता है कि भाजपा को अपने ऊपर पूरा विश्वास है की अगली सरकार भी वही बनाएगी।

    पहले सरकार ने 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट अग्रिम कर दिया था ताकि सरकरी विभाग, खर्चे का कार्य राजकोषीय की शुरुआत से ले सके। मगर दिक्कत ये है कि देश की अर्थव्यवस्था ऐसे वक़्त पे नहीं भटक सकती जब सरकार बदलने वाली हो।

    इवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव कहते हैं-” बजट में नीति निरंतरता को संकेत देना सही कदम है। जब तक कोई बड़े नीति बदलाव जैसे कर नीति, बजट में कार्यरत नहीं होते और प्रासंगिक समय के लिए व्यय अनुमोदन नहीं होता तब तक ये सही कदम है।”

    18 अक्टूबर को शुरूआती लेटर भेजने के बाद, वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकारी विभाग और मंत्रालय को रिमाइंडर भेजा कि 30 नवंबर तक वे वित्त मंत्री अरुण जेटली की बजट स्पीच के लिए इनपुट जमा कर दे।

    सरकारी अफसर ने कहा-“हम निरंतरता का संकेत देंगे। हम चुनाव की वजह से अर्थव्यवस्था को हिला नहीं सकते। जहा भी व्यय में कोई खाली जगह है हम उसे भर देंगे।” उन्होंने ये भी कहा कि सरकार रूटीन से जुडी हुई है और आर्थिक सर्वे प्रकाशित करवा रही है जो 2018-19 का आर्थिक रिपोर्ट कार्ड है। जबकि ये काम तो आने वाली सरकार का होता है। सरकार ने पुराने आरबीआई गवर्नर बिमल जलन के प्रतिनिधित्व में एक पैनल भी नियुक्त किया है जो वित्त मंत्रालय के अगले चीफ इकनोमिक एडवाइजर को चुनेगा। और उन्होंने अब तक दो मीटिंग्स भी कर ली है।

    नार्थ ब्लॉक में अपनी नीयत को मजबूत करने के संकेत देते हुए, सरकार ने सीनियर इकनोमिक एडवाइजर की पोस्ट(3 साल के कार्यकाल के लिए)  के लिए 23 अक्टूबर को विज्ञापन भी दिया था।

    बजट की तयारी ने रफ़्तार पकड़ ली है जिसके चलते सारे पत्रकारों पर रोक लगा दी गयी है। वित्त मंत्रालय 3 दिसंबर से नार्थ ब्लॉक को बाहर वालो के लिए बंद कर देगा।

    अन्य सरकारी अफसर ने बताया-” विभागों को सन्देश जा चुके है कि वे 2018-19 के संशोधित अनुमान और 2019-20 के बजट अनुमान भेज दें। बजट से उनकी उम्मीद जानने के लिए हम इंडस्ट्रीज और स्टेकहोल्डर्स से सलाह मशवरा भी कर सकते हैं।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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