बजट 2019 पेश करते समय पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए एक पेंशन योजना की घोषणा की थी जिसके अन्दर हर महीने मजदूरों को एक न्यूनतम मात्र देकर जब वे 60 वर्ष के होंगे प्रति महीने 3000 रूपए प्रति महीने पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए सरकार ने हाल ही में कुछ शर्तें रखी हैं।
किन किन को मिएगा योजना का लाभ :
हालांकि इस योजना की घोषणा करते वक्त कहा गया था की यह योजना असंगठित क्षेत्र के सभी मज्दूरों के लिए है, लेकिन यह सच नहीं है। इसके लाभ पाने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें राखी हैं जिनको मानने पर ही आप उसका लाभ उठा पायेंगे। यह निम्न हैं:
इसमें सरकार ने यह नियम रखें हैं की यदि कोई मजदूर 40 वर्ष से अधिक उम्र का है तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा पायेगा। इसके अतिरिक्त सरकार ने यह नियम भी रखा है की यदि कोई मजदूर 40 साल या उससे कम है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपयों से कम है, तो उसे हर महीने कुल 200 रूपए का योगदान देना होगा जिससे उन्हें 60 वर्ष की उम्र के बाद हर महीने कुल 3000 रूपए की पेंशन दी जायेगी।
इसके साथ यदि मजदूर की उम्र 20 साल तक है तो उसे केवल 55 रूपए प्रति महीने योगदान करने पड़ेंगे। तभी 60 साल के बाद उन्हें इस पेंशन योजना का लाभ मिल पायेगा।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की जानकारी :
यह योजना वर्तमान में चल रही अटल पेंशन योजना के सामान है। यह उन मजदूरों के लिए है जिनकी मासिक आय 15000 रुपयों से कम है। अबसे इन मजदूरों को प्रति महीने केवल 55 रुपयों का योगदान करना पड़ेगा और ऐसा करने पर उन्हें 60 साल की उम्र के बाद 3000 रूपए प्रति महिना सरकार द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
इसके अतिरिक्त जो लोग 29 साल की उम्र से इस योजना के लिए योगदान देना शुरू करते हैं तो उनकी 60 साल की उम्र होने के बाद उन्हें हर महीने 3000 रूपए की पेंशन हर महीने दी जायेगी।
विशेषज्ञों का मत :
जैसा की ऊपर बताया गया है की यह योजना अटल पेंशन योजना के समान है। इसी प्रकार इसे उस योजना के समान ही आवंटन सरकार के द्वारा दिया जाएगा। भारत के लगभग 50 करोड़ कार्यबल में से 84% असंगठित क्षेत्र के हैं और किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं रखते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि नई और अधिक सस्ती पेंशन योजना एक बेहतर सफलता हो सकती है अगर इसे बेहतर तरीके से लागू किया जाए। हालांकि सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन यह माना जाता है कि इस योजना का प्रबंधन पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।