अभी जुलाई में ही मोदी सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए किसानों की खरीफ की फसल के एवज़ में दिये जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की थी, जिसके बाद मोदी सरकार ने कई जगह अपनी ही तारीफ़ों के कसीदे भी पढे थे।
लेकिन अब आरबीआई की एक रिपोर्ट की मानें तो मोदी सरकार द्वारा जुलाई में की गयी एमएसपी में वृद्धि यूपीए सरकार द्वारा 2008-09 व 2012-13 में की गयी वृद्धि की तुलना में बेहद कम है।
आरबीआई ने बीते शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति को प्रकाशित करते हुए बताया है कि ‘जुलाई में मोदी सरकार द्वारा एमएसपी में की गयी वृद्धि पिछले पाँच सालों के औसत के मुक़ाबले तो बेहतर है, लेकिन यूपीए सरकार द्वारा 2008-09 व 2012-13 में की गयी वृद्धि की तुलना में बहुत कम है।’
मालूम हो कि एमएसपी में की गयी बढ़ोतरी खाद्य मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकती है, ऐसे में सरकार द्वारा अधिक ऋण दिया जाना या खाद्य उत्पादन में ध्यान न देने पर देश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस बार सभी तरह के चावल की फसल पर एमएसपी में 200 रुपये व इसके अलावा दाल व कपास आदि पर भी पर्याप्त मात्रा में एमएसपी बढ़ायी गयी थी।
रिजर्व बैंक के अनुसार खरीफ की फसल के सीज़न में 14 फसलों पर बढ़ायी गयी एमएसपी की दर सामान्य है। पिछले वर्ष की तुलना में यह विभिन्न फसलों पर 3.7 प्रतिशत से 52.5 प्रतिशत ही अधिक है।