लखनऊ, 30 मई (आईएएनएस)| देश की नई सरकार बनने पर उत्तर प्रदेश का रुतबा बढ़ गया। केंद्र में मोदी सरकार के शपथ के साथ दूसरे नंबर पर राजनाथ ने सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। वह पिछली सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री रह चुके हैं। इस बार उन्होंने कांग्रेसी नेता शत्रुघन सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को लगभग तीन लाख 47 हजार 302 वोटों से शिकस्त दी और संसद पहुंचे।
राजनाथ को कुल छह लाख 33 हजार 26 वोट मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वद्वी पूनम सिन्हा को दो लाख 85 हजार 724 वोट मिले।
उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की अगुवाई में उप्र की 64 सीटों पर भाजपा और सहयोगी दलों की शानदार जीत का तोहफा केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्हें शामिल कर दिया गया। मई 2014 में वह सोलहवीं लोकसभा के लिए चुने गए और मंत्री भी बने। कुछ दिन बाद शाह ने उन्हें भाजपा प्रदेश का अध्यक्ष बनाया। उन्होंने अपने कार्यकाल में भाजपा को मुश्किल की घड़ी से उबारा और पार्टी को शानदार जीत दिलाई।
इस बार भी वह चंदौली लोकसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इस बार सपा-बसपा गठबंधन ने उनके सामने संजय चौहान को उम्मीदवार बनाया था। जबकि कांग्रेस ने शिवकन्या कुशवाहा पर दांव लगाया था। सबको पटखनी पटखनी देते हुए भगवा परचम लहराया। भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते संगठन पर उनकी पकड़ है। साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री रहते हुए इलाके में उन्होंने विकास कार्य भी करवाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी मोदी कैबिनेट में मंत्री बनी हैं। ईरानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में पहले भी कई महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट ईरानी ने शानदार जीत दर्ज की है। स्मृति ईरानी ने उन्हें 55,120 वोटों से परास्त कर इस सीट पर भगवा परचम लहरा दिया है।
इसके अलावा रालोद प्रमुख अजीत सिंह को मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से अजित सिंह को हराकर जीत दर्ज करने वाले संजीव बालियान भी एक बार फिर मोदी कैबिनेट में जगह पाने में कामयाब हुए हैं। बालियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े किसान नेता के तौर पर जाने जाते हैं। संजीव बालियान ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। 2014 में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने।2014 से 2017 तक मोदी सरकार में कई मंत्रालयों में राज्यमंत्री भी रहे हैं।
इसके अलावा मुख्तार अब्बास नकवी, साध्वी निरंजन ज्योति, पूर्व जनरल वी.के. सिंह, संतोष गंगवार को मंत्रिमंडल में जगह पाने में कामयाब रहे।