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    भारत में चीनी राजदूत

    भारत में चीन के राजदूत लुओ ज़हाओहुई ने कहा कि “उनके राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच तालमेल अच्छा है और बीते वर्ष वुहान में अनौपचारिक बैठक ने उनके मन को छू लिया है। विगत पांच वर्षों में नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग 17 दफा मिले हैं।”

    उन्होंने कहा कि “पीएम मोदी की चीन की आधिकारिक यात्रा और चीनी राष्ट्रपति की भारत की आधिकारिक यात्रा अभी शेष है। बीते वर्ष अप्रैल में वुहान में नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति के शहर सीअन में गए थे। व्यस्त समय होने के बावजूद दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ अधिकतर समय व्यतीत किया था और वाकई यह मुझे छू गया था।”

    डोकलाम तनाव के दौरान चीनी राजदूत लुओ ज़हाओहै ने तनाव को कम करने में सार्थक भूमिका अदा की थी और वह अब जल्द ही चीन वापस लौट जायेंगे क्योंकि उन्हें उपमंत्री के तौर पर पदोन्नति मिली है। उन्होंने कहा कि “नेताओं ने अपने व्यस्त कार्यसूची के बावजूद महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान दिया था। एक कूटनीतिज्ञ और राजदूत होने के नाते हम इस मामलो को प्रत्यक्ष तौर पर संभालते हैं तो हमें इस अमल में लाना चाहिए। नेता जिस परिणाम पर पंहुचे हैं, उन्हें अमल में लाना हमारा दायित्व है।”

    उन्होंने सुनिश्चित होकर कहा कि लोकसभा चुनावो के बाद भी भारत और चीन का मैत्रीपूर्ण जुड़ाव कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि “अगले माह एससीओ के बैठक है और उसके बाद जी-20 का आयोजन है। नेता इन सम्मेलन में मुलाकात करेंगे और यह एक परंपरा बन जायेगी।”

    मोदी और जिनपिंग की वुहान में अनौपचारिक मुलाकात तय नहीं थी। नई दिल्ली और बीजिंग के बीच डोकलाम को लेकर तनाव चल रहा था। साल 2014 में भाजपा की सरकार के सत्ता में आने के बाद चीनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के गृह नगर गुजरात की यात्रा की थी।

    राजदूत ने कहा कि “नेताओं के बीच केमिस्ट्री महत्वपूर्ण है और जनता का जनता से जुड़ाव उससे कही ज्यादा जरुरी है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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