भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चेन्नई में 11 से 12 अक्टूबर को दुसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस मुलाकात का कोई विशिष्ट एजेंडा नहीं है। इस मुलाकात के दौरान किसी भी द्विपक्षीय समझौते यह मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर दस्तखत किये जायेंगे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच दूसरी अनौपचारिक मुलाकात का स्वभाव पहले की तरह ही है जिसका आयोजन अप्रैल 2018 में किया गया था। किसी भी विशिष्ट एजेंडा के ना होने से इस मुलाकात का उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक मामले पर विचारो को साझा करना है।
साथ ही द्विपक्षीय संबंधो के लिए एक व्यापक मार्ग ढूँढा जायेगा और दोनों देशो के बीच कनेक्ट का बेहतर निर्माण करना है। व्यापार में बाजार तक की पहुच को बढ़ाना है जिसमे सोयाबीन और गैर बासमती चावल जैसे उत्पादों तक पंहुच बढानी है। साथ ही पर्यटन, आतंकवाद के स्त्रोत, वित्तीय और केंद्र के बाबत मुलाकात के दौरान बातचीत की जाएगी।
चीनी राष्ट्रपति शुक्रवार को नई दिल्ली पहुचेंगे और नरेंद्र मोदी मेहमान राष्ट्रपति को महाबलीपुरम के वैश्विक विरासत स्थल पर ले जायेंगे। इस दिन के अंत में मोदी शी के लिए एक विशेष रात्री भोजन का आयोजन करेंगे और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
मई में पीएम मोदी के दूसरी दफा सत्ता में विराजमान होने के बाद यह दोनों नेताओ के बीच तीसरी मुलाकात है और वुहान के बाद छठी मुलाकात है। भारतीय प्रधानमन्त्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश मन्त्री एस जयशंकर होंगे। चीन के तरफ से विदेश मन्त्री और पोलिट ब्यूरो के सदस्य होंगे।