2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी विरोधी मोर्चा बनाने के लिए भारत भ्रमण पर निकले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कल डीएमके चीफ स्टालिन से मुलाक़ात की। इस मुलाकात में स्टालिन के साथ कनिमोझी और अलागिरी भी मौजूद थे।
स्टालिन ने मोदी के खिलाफ मोचे के लिए नायडू के प्रयासों का समर्थन किया। स्टालिन ने कहा कि ‘लोकतंत्र को बचाने और मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए देश भर की धर्मनिरपेक्ष और सेक्युलर ताकतों को एक साथ आना चाहिए।
स्टालिन ने सीबीआई और आरबीआई मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि ‘मोदी सरकार देश की बड़ी संस्थाओं को ख़त्म करने पर तुली है। देश को बचाने की जिम्मेदारी सेक्युलर ताकतों पर आन पड़ी है। सेक्युलर ताकतों को इकठ्ठा करने के नायडू के प्रयासों की मैं सराहना करता हूँ।’
पत्रकारों के ये पूछने पर कि क्या नायडू गठबंधन का चेहरा बनेंगे तो नायडू ने कहा कि ‘मैं कोई चेहरा नहीं हूँ। मैं बस एक सेतु हूँ जो सभी सेक्युलर पार्टियों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है।’
गठबंधन के नेता के सवाल पर नायडू ने कहा कि सभी पार्टियों में कई नेता जो देश के बेहतर ढंग से चला सकते हैं। यहाँ तक कि स्टालिन भी मोदी से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि ‘सभी नेता मजबूत और सक्षम है। हम इस बारे में मिल बैठ कर तय करेंगे।’
लगभग 50 मिनट की मुलाक़ात के बाद नायडू ने बताया कि वो लोकतंत्र को बचाने के लिए स्टालिन का सहयोग मांगने आये थे।
तेलगू देशम पार्टी के अध्यक्ष इन दिनों मोदी वरोधी मोर्चा बनाने में जोर शोर से जुटे हैं। पिछले दो हफ़्तों में वो ममता बनर्जी, मायावती, शरद पवार, शरद यादव , मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और फारुख अब्दुल्ला से भी मुलाक़ात कर चुके हैं। नायडू ने दिल्ली में राहुल गांधी से भी मुलाक़ात की थी। नायडू की पार्टी टीडीपी और कांग्रेस तेलंगाना में मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं।