प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मून जे इन ने शुक्रवार को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के साथ दक्षिण कोरिया की न्यू दक्षिणी पॉलिसी के साथ तालमेल कायम करने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने जी-20 सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं ने मुलाकात की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीटर पर लिखा कि “एक प्राकृतिक साझेदारी ऐतिहासिक संबंधों से मज़बूत होंगे। जी-20 के सम्मेलन के इतर नरेंद्र मोदी के साथ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन की मून जे इन की मुलाकात काफी अच्छी थी। उन्होंने भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के साथ दक्षिण कोरिया की न्यू दक्षिणी पॉलिसी के साथ तालमेल कायम करने की इच्छा व्यक्त की है।”
सम्मलेन के दूसरे दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई द्विपक्षीय मुलाकाते की थी और इसमें कनाडा के ट्रुडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुअल मैक्रॉन, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जर्मन की चांसलर एंजेला मर्केल शामिल हैं।
एंजेला मार्के के साथ द्विपक्षीय मुलाकात में दोनों नेताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ई-मोबिलिटी, साइबर सुरक्षा, रेलवे आधुनिकरण और कौशल विकास में सहयोग के विस्तार करने पर चर्चा की थी। नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स के सदस्य नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक में भी शिरकत की थी।
इस मुलाकात में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सतत वृद्धि के लिए अनुकूल वैश्विक आर्थिक माहौल की महत्वता पर जोर दिया गया था। ब्रिक्स के नेताओं ने बाजार को खोलने, मज़बूत आर्थिक लचीलता, वित्तीय स्थिरता की मांग की थी। साथ ही उन्होंने ढांचागत सुधारो, गरीबी स्तर व असमानता में कमी के लिए मानव पूंजी में पर्याप्त निवेश पर जोर दिया था।
ब्रिक्स राष्ट्रों को सम्बोधित करते हे पीएममोदी ने कहा था कि “मानवता के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है और ब्रिक्स राष्ट्रों से आतंकवाद को मिले वाले वित्तपोषण को रोकने में योगदान देने का आग्रह किया था।”
ओसाका में जी-20 के सम्मेलन के इतर ब्रिक्स सदस्यों की अनौपचारिक मुलाकात में सदस्यों ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया कि आतंकी इरादों से इंटरनेट के शोषण के खिलाफ लड़ेंगे।