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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच मंगलवार को यानी आज वर्चुअली बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में व्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु व रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंध को मजबूत बनाने को लेकर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी ब्रिटिश उच्चायोग की ओर से दी गई।

    बता दें कि इस वर्चुअल बैठक में दोनों देशों के प्रमुख अगले 10 साल में द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार करने का खाका सार्वजनिक करेंगे। इसकी जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह बहुआयामी रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने और आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करने का अवसर उपलब्ध कराएगा।

    ब्रिटेन सरकार ने वार्ता की अनुसूची की पुष्टि की करते हुए कहा है कि ब्रिटेन के अधिशेष आपूर्ति से 1,000 और वेंटिलेटर भेजे जाएंगे जो कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत की मदद करने के लिए होंगे। अस्पतालों को कोरोना मामलों से लड़ने के लिए मदद भेजी जाएगी, पिछले महीने जिस राहत पैकेज की घोषणा हुई थी उसके तहत अन्य 200 वेंटिलेटर, 495 ऑक्सीजन सांद्रता और तीन ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों की मदद शामिल है।

    डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा, “मंगलवार को यूके के प्रधानमंत्री और भारत के बीच सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्धताओं की बड़ी सीरीज के लिए एक वर्चुअल बैठक करेंगे, जिसमें कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने पर होने वाली चर्चा भी शामिल होगा।”

    साझा मूल्यों को बढ़ावा

    प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने आह्वान के दौरान, यूके के प्रधानमंत्री हमारे साझा मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ काम करने के महत्व पर जोर देंगे। बहुत जरूरी उपकरणों की पेशकश के अलावा, यूके सरकार ने कहा कि इंग्लैंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्रिस व्हिट्टी और मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस ने अपने भारतीय समकक्षों को भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली के लिए सलाह, अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए बात कही है।

    यह सहमति व्यक्त की गई है कि ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) भारत के कोरोना प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए एनएचएस इंग्लैंड के मुख्य लोग अधिकारी के नेतृत्व में एक नैदानिक ​​सलाहकार समूह स्थापित करना है।

    भारत का दौरा किया था रद्द

    बता दें कि यूके के प्रधानमंत्री जॉनसन ने कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए इस साल होने वाले भारत दौरे को भी रद्द कर दिया था। उनकी भारत यात्रा की शुरुआत 25 अप्रैल से होने वाली थी, लेकिन कोरोना के मामलों में होने वाली बढ़ोतरी के कारण दौरा रद्द करना पड़ा था। इससे पहले भी जॉनसन को गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल किया जाना था, लेकिन उनके उस दौरे को भी रद्द कर दिया गया था। ब्रिटिश सरकार उस दौरान देश में फैल रहे वायरस के नए वेरिएंट से निपट रही थी।

    सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ब्रिटेन में करेगा 2500 करोड़ रुपये का निवेश

    भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारतीय कंपनियों द्वारा एक अरब पाउंड का निवेश करने से संबंधित सौदे का ऐलान किया है, जिससे कि ब्रिटेन में 6500 लोगों के लिए नौकरियों के अवसर खुलेंगे।

    इन भारतीय कंपनियों में भी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने सबसे अधिक 24 करोड़ पाउंड (करीब 2500 करोड़ रुपये) ब्रिटेन में निवेश करने का सौदा किया है। इस निवेश के पीछे एसआईआई का मकसद ब्रिटेन में कंपनी के वैक्सीन बिजनेस को बढ़ाना और वहां एक नया सेल्स ऑफिस खोलना है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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