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    पीएम मोदी चिदंबरम कश्मीर

    पीएम मोदी द इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेकेट्रीज़ ऑफ़ इंडिया के गोल्डन जुबली के आयोजन में शामिल हुए, जहा उन्होंने अर्थव्यवस्था की आलोचना करने वालो को जवाब दिया। जाहिर है जिस तरह नोटबंदी और जीएसटी के बाद जीडीपी में गिरावट आयी है, उसको लेकर विपक्ष से लगाकर खुद के पक्ष के नेताओ ने भी अर्थव्यवस्था के बिगड़ने का कारण मोदी की नीति को बताया था।

     

    इन लोगो ने किया था मोदी सरकार पर हमला

    अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद पूर्व वित्तमंत्री और बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोला था। सिन्हा ने कहा था कि मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी का फैसला जल्दबाज़ी में लिया था।

    वही अटल सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी ने भी मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि नोटबंदी एक आत्महत्या है और नोटबंदी सबसे बड़ा मनी लॉन्डरिंग घोटाला है।

    इसके साथ ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की थी।

     

    पीएम मोदी ने दिया सबको जवाब

     

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इन सभी आलोचकों को जवाब देते हुए कहा था कि पहले जब फिस्कल डेफिसिट(राजकोषीय घाटा) और करंट अकाउंट डेफिसिट (चालू खाता घाटा) पर नियमित बात होती थी, उस समय जीडीपी ग्रोथ की जगह महंगाई की दर पर बात होती थी। इसके साथ ही रूपये और डॉलर की बात होती थी, ये सभी देश को विपरीत दिशा में ले जाने वाले ये सभी पैरामीटर कुछ लोगो को पसंद आते थे। और अब जब ये सब सुधरा है और विकास हो रहा है तो ऐसे कुछ लोगो ने आँखों पर परदा डाल दिया है।

     

    आगे पीएम ने कहा कि भारत में आज विदेश निवेशर रिकॉर्ड निवेश कर रहे है। फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व 30000 करोड़ से बढ़ कर 40000 के पार हो गया है, इसमें 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। परन्तु ये सब उन लोगो को नहीं दिख रहा है, आलोचकों पर हमला करते हुए कहा कि देश देख रहा है की कौन देश हित में साथ रहा है या किसी ओर का हित चाहते है।

    आगे पीएम ने आरबीआई का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई ने कहा है कि अगले क्वार्टर में देश की जीडीपी पिछली जीडीपी से ग्रोथ करेगी। और आगे कहा कि पिछले दिनों जो अर्थव्यवस्था के मामले में जो आलोचनाएं हुई, उन आलोचनाओं को हम बुरा नहीं मानते है कठोर से कठोर आलोचनाओं को भी ह्रदय से स्वीकार करते है। हम एक संवेदनशील सरकार है, हम आलोचकों की बातो पर भी गंभीरता से सोचते है।