लोक सभा चुनाव सर पर है। भारतीय राजनीति में आक्रोश का माहौल है। तमाम विपक्षी दल इन दिनों आने वाले चुनावो के लिए तैयारी करते नज़र आ रहे है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। पिछली बार की तरह अबकी बार भी भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार की कमान प्रधान मंत्री एवं अपने स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी को सौंप दी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर, त्रिपुरा, असम, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और राजस्थान के लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए मोदी ने अपनी सरकार की प्रमुख स्कीम के बारे में लोगो को अवगत करवाया एवं अपनी सरकार की मार्की योजनाओं में से एक की सफलता पर प्रकाश डाला, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीजीजीजेवाई), जिसने 28 अप्रैल को भारत के सभी 597,464 जनगणना गांवों को बिजली लाने में मदद की, सार्वभौमिक घर के लिए मंच स्थापित किया विद्युतीकरण।
अपनी सरकार के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा ‘इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही सीमित थे। सूर्य का प्रकाश उनके लिए काम करने के घंटों का फैसला करता था; चाहे वह बच्चों का अध्ययन, खाना पकाने, या कोई अन्य घरेलू काम हो। ”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2015 को लाल किला से अपने संबोधन में कहा था कि अगले एक हजार दिन में बिजली सुविधाओं से वंचित 18,452 गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। इसके लिए एक मई, 2018 की समयसीमा तय की गई है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने मई में कहा था कि इन 18,452 गांवों में से 13,516 में बिजली पहुंचा दी गई है। 944 गांवों में आबादी नहीं है जबकि शेष 3,992 गांवों का एक मई, 2018 तक विद्युतीकरण किया जाएगा। परंतु नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद उनके द्वारा ये पाया गया कि अभी भी इस योजना के तहत कई गांव को लाभ नहीं मिल पा रहा है।