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    वाइट हाउस के ओवल कार्यालय में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने भारत-यू.एस. के सम्बन्धो को बेहतर बनाने के वादे पर टिप्पणियों के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता शुरू की। कोविड-19 और जलवायु जैसे क्षेत्रों पर काम करने के साथ उनके डायस्पोरा के महत्व पर भी चर्चा हुई।

    दोनों नेताओं ने सुझाव दिया कि भारत और अमेरिका अपने संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। प्रधान मंत्री मोदी ने आगे एक “परिवर्तनकारी” दशक की बात की, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने संबंधों में एक “नए अध्याय” के बारे में बात की।

    पीएम मोदी ने कहा कि जो बिडेन के नेतृत्व में भारत-यू.एस. के लिए संबंधों का विस्तार करने के लिए और एक “परिवर्तनकारी चरण” में प्रवेश करने के लिए बीज बोए गए हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने लोगों से लोगों के बीच संबंधों के बढ़ते महत्व का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय प्रतिभा इस रिश्ते में एक “पूर्ण भागीदार” होगी।

    अमेरकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में एक “नया अध्याय” शुरू कर रहे हैं जिसमें कुछ सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी शुरुआत कोविड-19 महामारी से हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन और क्वाड पार्टनर्स सहित हिंद-प्रशांत में स्थिरता सुनिश्चित करना बातचीत के एजेंडे में रहा।

    यह कहते हुए कि अमेरिका-भारत संबंध दुनिया की चुनौतियों का हल करने में मदद कर सकते हैं, जो बिडेन ने कहा कि उन्होंने 2020 में कहा था कि , भारत और अमेरिका दुनिया के दो सबसे करीबी देशों में से एक होंगे।

    साथ ही उन्होंने कहा कि, “मुझे लगता है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंध मजबूत, करीब और सख्त होना नियति है और मुझे लगता है कि इससे पूरी दुनिया को फायदा हो सकता है।”

    प्रधान मंत्री मोदी की टिप्पणियों ने द्विपक्षीय संबंधों के अधिक वैश्विक सकारात्मक प्रभाव का भी उल्लेख किया। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने व्यापार का विषय उठाते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय बना रहेगा और दोनों देशों के बीच व्यापार सहाहनीय है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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