अफगानिस्तान के चरमपंथी समूह तालिबान ने ऐलान किया कि रूस में इस माह होने वाली शांति वार्ता में तालिबान का प्रतिनिधि समूह भी शरीक होगा।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय पिछले 17 वर्षों से चल रहे विवाद को थामने के लिये इस बैठक का आयोजन कर रहे हैं। रूस ने शनिवार को घोषणा की कि 9 नवंबर को होने वाली बैठक का आयोजनकर्ता मास्को होगा। इस बैठक के दौरान काबुल और तालिबान के मध्य चल रहे विवाद का अंत करने के बाबत चर्चा की जाएगी।
सोशल मीडिया पर जारी तालिबान के पोस्ट के मुताबिक वे क़तर में स्थित अपने राजनीतिक दफ्तर से वरिष्ठ जानकारों को इस वार्ता में भेजेगा। तालिबान के प्रवक्ता जुबीउल्लाह मुजहाहीद ने कहा कि यह सम्मेलन किसी एक तरफ से बातचीत के लिए नही है बल्कि इसमे शांतिपूर्ण ढंग सेे अफगान विवाद को सुलझाने और अमेरिका सैनिकों को हटाने के बाबत चर्चा की जाएगी।
तालिबान ने कहा कि उन्हें शांति वार्ता करने का अधिकार है। अफगानिस्तान सरकार की हाई पीस कॉउन्सिल ने एक दिन पूर्व कहा कि समझौते के प्रयास के लिए वे वार्ता के लिए एक प्रतिनिधि समूह को मास्को भेज रहे हैं। रूस ने अमेरिका, भारत, ईरान, चीन, पाकिस्तान और मध्य एशिया के पांच देशों को शांति बैठक में सम्मिलित होने के आमंत्रण दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान पर लंबे समय से तालिबान को समर्थन करने का आरोप लगता रहा है, पाकिस्तान इस बैठक में जरूर शामिल होगा। यह सम्मेलन इससे पूर्व सितंबर में आयोजित किया जाना था लेकिन अफगान सरकार के अनुरोध के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गयी थी।
हाल में अमेरिका की निगरानी समिति वॉचडॉग ने कहा था कि पिछले कीच माह में अफगान के सैनिकों की पकड़ काबुल पर कमजोर हुई है। स्थानीय सेना ने तालिबान के खिलाफ कोई जीत हासिल नही की है। अमेरिका के अफगान में नियुक्त नवनिर्वाचित राजदूत तालिबान को शांति वार्ता के लिए रज़ामंद करने का प्रयास करेंगे।