विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दक्षिण अफ्रिका के दौरे पर हैं। ब्रिक्स देशों के इंडिया-ब्राज़ील-साउथ अफ्रीका (IBSA) देशों की मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने विदेश मंत्री स्वराज दक्षिण अफ्रीका जा रही थी। शनिवार दोपहर को सुषमा स्वराज त्रिवेन्द्रम से मॉरिशस के लिए रवाना हुई, लेकिन इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री को ले जा रहे विमान ‘मेघदूत’ का मॉरिशस एयर ट्रैफिक कंट्रोल से करीब 14 मिनटों तक संपर्क नहीं बन पा रहा था। विदेश मंत्री को ले जा रहे मेघदूत का मॉरिशस की हवाई सीमा में पहुँचनें के बाद भी एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टुटा रहा।
भारत में एयर ट्रैफिक कंट्रोल(ATC) की नियामक संस्था, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी इंडिया(AAI) के वरिष्ट अधिकारी के अनुसार, “जब कोई भी प्लेन सागरी हवाई सीमा में पहुँचता हैं और उससे संपर्क टूट जाता हैं, तब करीब 30 मिनटों के बाद अलार्म भेजा जाता हैं। लेकिन मॉरिशस एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने सम्पर्क टूटने के सिर्फ 12 मिनट बाद अलार्म भेज दिया।”
मॉरिशस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा इन्सर्फा(INCERFA) अलार्म भेजा, जिसका हवाई मानकों के अनुसार अर्थ होता है की प्लेन और प्लेन में सवार यात्रीयों के सुरक्षितता के विषय में निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। अलार्म भेजने के तुरंत बाद मॉरिशस एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने चेन्नई एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया, जोकि प्लेन का आखरी फ्लाइट इन्फोर्मेशन रीजन(FIR) था। आपको बतादे, प्लेनों की आवाजाही के बारेमें ATC को जानकारी मुहैय्या कराने के काम फ्लाइट इन्फोर्मेशन रीजन करता हैं।
विदेश मंत्री को ले जा रहे प्लेन मेघदूत ने दोपहर 2 बजकर 8 मिनट पर उड़ान भरी। स्थानिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने इस उड़ान की जानकारी स्थानिक चेन्नई FIR को हस्तांतरित की जिसे आगे मॉरिशस FIR को हस्तांतरित किया गया।(आपको बतादे, एक प्लेन अनेक FIR से होकर गुजरता है और हमेशा स्थानिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल के संपर्क में रहता हैं।)
मॉरिशस एयर ट्रैफिक कंट्रोल द्वारा भेजा अलार्म मेघदूत के पायलटों को दोपहर 4 बजकर 44 मिनट पर प्राप्त हुआ और मॉरिशस एयर ट्रैफिक कंट्रोल से फिरसे संपर्क प्रस्तापित किए जाने के बाद सबने चैन की सांस ली। आपको बतादे, एम्ब्ररेर क्लास का मेघदूत प्लेन लंबी दूरी तय नहीं कर सकता, और इसी कारणवश मेघदूत को दिल्ली-त्रिवेंद्रम-मॉरिशस-दक्षिण अफ्रीका में रेफ्युलिंग और तकनिकी जांच के रुकना पड़ेगा।
ATC के वरिष्ट अधिकारी के अनुसार, “कई बार पायलट मॉरिशस ATC से संपर्क नहीं कर पाते, सागरी क्षेत्र में राडार न होने के कारण कई बार संपर्क टूटने की संभावना होती हैं। इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाईजेशन के शिकागो कन्वेंशन के अंतर्गत 14 मिनटों का समपर्क टूटना-अनसर्तैनिटी फेज(INCERFA) तीन इमरजेंसी अलार्मो में एक हैं। इसका दूसरा फेज अलर्ट फेज(ALERFA) और तीसरा फेज डिस्ट्रेस फेज(DETRESFA) हैं। इन आपातकालीन अलार्मों का उपयोग प्लेन और प्रवासियों के सुरक्षा के विषय में संधिग्दता में किया जाता हैं। मगर 14 मिनटों तक प्लेन के राडार से गायब होने और फिरसे संपर्क स्थापित होने के बीच सिर्फ पहले स्तर का अलार्म भेजा गया।