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    मैरीकॉम

    छह बार की विश्व चैंपियन रह चुकी मैरीकॉम और एल सरिता ने इंडिया ओपन टूर्नामेंट के दूसरे संस्करण के आखिरी दिन भारत को दो स्वर्ण पदक पर सफलता प्राप्त करवाई।

    एशियन गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट अमित पंघाल ने हमवतन साथी सचिन सिवाच को 52 क्रिगा श्रेणी में 4-1 से मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

    कुलमिलाकर, भारत को चार पुरुष कैटगिरी में पदक प्राप्त हुए है जिसमें (52 किग्रा, 91 किग्राऔर +91 किग्रा) शामिल है वही महिला कैटगिरी में (51 किग्रा 57 किग्रा और 75 किग्रा) में टीम को मेडल प्राप्त हुए। 18 में से भारत ने 12 स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

    भारत, जिसने इंडियन ओपन के पहले संस्करण में 6 स्वर्ण पदक जीते थे उन्होने इस साल अपनी पदक तालिका को डबल किये है।

    विश्व चैंपियनशिप की मेडलिस्ट सरिता देवी ने तीनो सालो में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता है। उन्होने यह मुकाम सिमरनजीत कौर को 3-2 से हराकर हासिल किया।

    60 किग्रा में अपना डेब्यू कर रही, सिमरनजीत, जो विश्व चैंपिनशिप की कांस्य पदक विजता है और एशियन चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता है, उन्होने पहले राउंड में शानदार प्रदर्श के साथ सबको प्रभावित किया था।

    लेकिन सरिता देवी ने उन्हे ज्यादा ढील नही दी और उनके लिए अगले राउंड में मुश्किल चुनौती पेश की और अटैकिंग रैवेया अपनाते हुए आखिरी में जीत हासिल की। सरिता ने अपनी मां को यह स्वर्ण पदक समर्पित किया था जिनकी पिछेले साल किसी मृत्यु हो गई थी।

    सरित अपनी मां के बारे में बात करते हुए भावुक हो गई थी, उनकी मां की कैंसर से जूझने की वजह से मृत्यु हुई थी। उन्होने कहा, ” यह पदक मैं अपनी मां को समर्पित करना चाहती हूं। मैंने अपने पिता जो को बहुत पहले खो दिया था और आज मैं अपनी मां की वजह से मुक्केबाज बनी हूं। यह गोल्ड मेडल एक लंबे समय के बाद आया है। मैं इस लम्हे में उनको बहुत याद कर रही हूं।”

    ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने मिजोरम के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन वनलाल दुती द्वारा एक सर्वसम्मत लड़ाई से सर्वसम्मत निर्णय से विजेता बनने के लिए संघर्ष किया। निखत ज़रीन और ज्योति ने पोडियम में अखिल भारतीय फिनिश के लिए कांस्य पदक जीता।

    स्थानीय मुक्केबाज शिवा थापा ने गत चैंपियन मनीष कौशिका को 60 किग्रा में मात दी और स्वर्ण पदक पर कब्जा किया और अपने पिछले साल सेमीफाइनल में मिली हार का बदला लिया।

    अपनी नई वजन श्रेणी 49 किग्रा में प्रतिस्पर्धा कर रहे पंघाल ने इससे पहले एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था और उन्हे पहले राउंड में सचिन से मुश्किल चुनौती मिली क्योंकि वह अपनी लंबाई का फायदा उठा रहे थे। लेकिन पंघाल ने फिर भी मुकाबले को जीतकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।

    पंघाल ने कहा, ” मुझे लगता है वह सबसे लंबे मुक्केबाज है जिनके खिलाफ मैंने अभी तक मुकाबला किया है। मैंने एशियन चैंपियनशिप में भी कुछ लंबे मुक्केबाज के खिलाफ खेला है लेकिन सचिन उनसे भी लंबे थे।”

    राष्ट्रीय चैंपियन पी एल प्रसाद और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सोलंकी ने 52 किग्रा वर्ग में एक और क्लीन स्वीप के साथ कांस्य पदक जीता।

    64 किग्रा में टोकस, जो माकरन कप में इस साल कांस्य पदक जीते थे उन्हें इस इंडिया ओपन संस्करण में कांस्य पदक से ही संतुष्ट रहना पड़ा। इससे पहले इंडिया ओपन में उन्होने कांस्य पदक पर कब्जा किया था।

    भारत को 75 किग्रा श्रेणी में कोई पदक हासिल नही हुआ जहां आशीष कुमार को फिलिपिनो यूमिर फेलिक्स डेलोस सैंटोस से हार का सामना करना पड़ा था।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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